कविता

प्रेम

बड़ी असमंजस सी हो गई है जिंदगी
उनकी यादों में जैसे थम सी गई

चाहत की हर आस उनसे जुड़ी
वो दूर है फिरभी दिल के करीब

हटता नहीं ख्याल एकपल भी
मन गुम हो गया जैसे उनमें ही

तन्हाई में भी अब तन्हा नहीं
नजरों में बसता चेहरा कोई

उनके एहसासों से गुजरती हर सांस मेरी
मेरी दुनिया बदल गई जब से मुहब्बत हुई

*बबली सिन्हा

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