अच्छी बात नहीं
छुप छुपकर पलकों को भिगोना, ये तो अच्छी बात नहीं
दिल की बातें दिल में छुपाना, ये तो अच्छी बात नहीं |
तेरे दरिया होने क्या, राही प्यासा रह जाए
आशिक को अपने तडपाना, ये तो अच्छी बात नहीं |
जब तक सांसे चलेंगी मेरी, नाम तेरा लव पर होगा
तेरा इतना नखरे दिखाना, ये तो अच्छी बात नहीं |
मान भी जाओ अब न सताओ, कहना मेरा मान भी लो
पास में रहकर दूर हो जाना, ये तो अच्छी बात नहीं |
दिल की बातें दिल ही जाने कितनी चाहत है मेरी
ख्वाबों में आना फिर जाना, ये तो अच्छी बात नहीं |
कौन करेगा इतनी खिदमत, जितनी तेरी करता हूँ
फिर तेरा यह तरसाना, ये तो अच्छी बात नहीं |
-डॉ.अरुण निषाद