ढल रही है ये शाम, रात होने को है
ढल रही है ये शाम, रात होने को है
घिर गई बदरा, बरसात होने को है
जुबां खामोश रहे, तो कोई बात नहीं
आंखों ही आँखों मे, बात होने को है
छलक न जाए, आँखें भर गई तो
रोक लो बेकाबू, जज़्बात होने को है
बरसों के बिछड़े हुए, मुस्कुरा रहे हैं
उम्मीद है जगी, मुलाक़ात होने को है
तजुर्बे को करो ताज़ा, हो जाओ तैयार
ढूंढ लो जवाब, सवालात होने को है
बड़ी शिद्दत से की है, तुमने ये कोशिश
तुम्हारे साथ पूरी, कायनात होने को है