सांसो का बहाना…!!
इक सांस का बहाना
बहुत है जिंदगी के लिए..
तमाम उम्र बीत जाये…
इसी बहाने जिंदगी के लिए…
कभी अपने तो कभी सपने..
हर रात गुजर जाये ….जिंदगी के लिए
अश्कों से भी पूछा खुशियां कह गयी
ग़म का बहाने जिंदगी के लिए…
इश्क़, वफा सब झूठा न कहना
आशिकी भी बहाना जिंदगी के लिए…
राहें संग मंजिल करें जो हासिल
सिकंदर कहलाता जिंदगी के लिए…
कि नंदिता कोरा कागज़ अहस्सासों के घेरे….
शाम ढले हर्फों में जिंदगी के लिए….!!