ठंडी की ऋतु घर घर अलाव बुझती आग।।-1 गैस का चूल्हा न आग न अलाव ठिठुरे हाथ।।-2 नया जमाना सुलगता हीटर धुआँ अलाव।।-3 नोटा का कोटा असर दिखलाया मुरझा फूल।।-4 खिला गुलाब उलझा हुआ काँटा मूर्छित मन।।-5 — महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज
जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन
जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र.
हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ