आओ नव वर्ष मनाएँ
नूतन बेला नूतन खुशियाँ नूतन संसार सजाएँ आओ नव वर्ष मनाएँ |
कुछ यत्न करें कुछ नेक करें दुखियों के दुःख को दूर करें,
मुझाए आनन पर आओ मिल कर मुस्कान खिलाएँ आओ नव वर्ष मनाएँ |
हो दूर अशिक्षा का दानव सब शिक्षित हों सब सज्जन हों,
दहशतगर्दी को दूर करें मिल भ्रष्टाचार मिटाएँ आओ नव वर्ष मनाएँ |
चहुँ ओर खुशी की लहरें हो निर्धनता कोसों रहे दूर ,
मानवता उर में बसी रहे नफ़रत और भेद मिटाएँ आओ नव वर्ष मनाएँ |
नित शांति प्रेम की हो वर्षा धुल जाए सारा कलुष तमस,
मिल सहिष्णुता की डोरी से आ वंदनवार सजाएँ ,आओ नव वर्ष मनाएँ |
मंजूषा श्रीवास्तव ‘मृदुल’
लखनऊ (उत्तर प्रदेश )