माँ
नज़र आता नहीं कुछ भी हँसी अच्छी नहीं लगती | गई हो छोड़ के जब से कमी अच्छी नहीं लगती
Read Moreबात सालों पुरानी है ,अपने मित्रों के पास मोबाइल देखती तो तो इच्छा करती की काश मेरे पास भी एक
Read Moreमिस्टर शर्मा और कमल कांत बचपन के साथी तो थे ही आज भी सुख दुख के साथी हैं | दोनो
Read Moreशब्द भाव ,अनुभाव ,विभाव ,संचारी भाव हैंशत्रुता का माध्यम और प्रेम का आगार हैंशब्द यदि मौन हो जाए तो मृत्युशब्द
Read Moreप्रकृति का अनुभव राजगीर की पहाडियाँकुछ ऊँची कुछ नीचीछवि शाली तरूपुष्प पल्लव सेसमलंक्रतशुशोभित हो मेरे मानस को कर रहेहैं झंकृतवर्षा
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