चौराहे की तीन बत्तियों से शिक्षा
बाल काव्य सुमन संग्रह से बाल गीत
चौराहे की बत्तियां तीन,
गुण भी इनके गिन लो तीन,
अलग-अलग रंगों वाली ये,
देती हैं संदेश भी तीन.
‘ठहरो’ कहती बत्ती लाल,
कर लो थोड़ा-सा आराम,
माना चलते रहना जीवन,
फिर भी ज़रूरी है आराम.
पीली बत्ती कहती है अब,
चलने को रहना होशियार,
अच्छा मानव हरदम रहता,
चलते रहने को तैयार.
हरी घास-सी बत्ती कहती,
‘अब चल दो और पहुंचो पार,
लेकिन चलना संभल-संभलकर,
टकरें ना वाहन दो-चार.
अच्छी शिक्षा मिले जहां से,
उसको लेना बढ़के,
छोटे-बड़े या चर-अचर से,
शिक्षा ले लो जी भर के.
बहुत सुन्दर बाल कविता लीला बहन .
आदरणीय दीदी, क्या गजब कि कविता है । बच्चे बहुत पसंद भी करेंगें सीखेंगें भी ।
धन्यवाद , बधाई ।