कविता

कविता- समाज खामोश क्यो?

नीर पथ पर बिखरा था
खामोश लोग निकलने लगे
कदम ना ठहराया किसी ने
बस देखकर अंजान होने लगे,
पथ पर अकेली वो
दरिदों से लड़ रही है
किसी के गंदे नजर से
अंधी जनता देखकर
आगे बढ़ रही है,
बात नीर की नही
बात चीर की नही
आखिर कब तक
समाज खामोश रहेगा।

कवि अभिषेक राज शर्मा पिलकिछा जौनपुर उप्र०
8115130965

अभिषेक राज शर्मा

कवि अभिषेक राज शर्मा जौनपुर (उप्र०) मो. 8115130965 ईमेल [email protected] [email protected]