गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य

ग़ज़ल

अँधेरी’ रात में’ रब एक माहताब तो’ दे

मे’रे सनम के’ दिले बाग के गुलाब तो’ दे |

चलो कहीं को’ई’ मुझको कभी खिताब तो’ दे

न चाहिए मुझे’ अब दोस्त, इक रकीब तो’ दे |

तड़प तड़प के’ सदा जीना’ भी मज़ा कुछ और

ये’ मान कर मुझे’ आकुल इजतिराब तो’ दे |

मेरी प्रिया बता’ तू, क्यों गयी हो’ छोड़ मुझे

सबाह नींद में’ आकर हसीन ख़्वाब तो’ दे |

किया वही जो’ कहा तू ने’ मुझको’,मेरे’ सनम

तू’ मान ले कहा’, आकर शबाब आब तो’ दे|

यूँ’ मुँह न मोड़ कभी, बेबफाई’ अब न करे

रकीक़ हर्फ़ में’ मुझको सही जवाब तो’ दे |

ये’ जिंदगी की’ सभी दौड़ पूरा’ कर आया  

थका हुआ अभी’, तू हाथ पैर दाब तो’ दे |

खफ़ा बहुत है’ मे’री जान, जानता हूँ’ मैं

तमाम जुल्म किया मैं ने’ वो हिसाब तो’ दे |

पढ़ी है’ नज़्म सभी एक एक वर्ण को’ भी                    

रहा फ़साना’ ते’रे दिल की’, वो किताब तो’ दे |

नशा नहीं अभी’ सब कुछ उतर गया ‘काली’

प्रणय में’ तेरे’ मैं’ झूमूँ ज़रा शराब तो” दे |

रकीक़=कोमल, स्पष्ट

कालीपद ‘प्रसाद’

*कालीपद प्रसाद

जन्म ८ जुलाई १९४७ ,स्थान खुलना शिक्षा:– स्कूल :शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ,धर्मजयगड ,जिला रायगढ़, (छ .गढ़) l कालेज :(स्नातक ) –क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भोपाल ,( म,प्र.) एम .एस .सी (गणित )– जबलपुर विश्वविद्यालय,( म,प्र.) एम ए (अर्थ शास्त्र ) – गडवाल विश्वविद्यालय .श्रीनगर (उ.खण्ड) कार्यक्षेत्र - राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कालेज ( आर .आई .एम ,सी ) देहरादून में अध्यापन | तत पश्चात केन्द्रीय विद्यालय संगठन में प्राचार्य के रूप में 18 वर्ष तक सेवारत रहा | प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हुआ | रचनात्मक कार्य : शैक्षणिक लेख केंद्रीय विद्यालय संगठन के पत्रिका में प्रकाशित हुए | २. “ Value Based Education” नाम से पुस्तक २००० में प्रकाशित हुई | कविता संग्रह का प्रथम संस्करण “काव्य सौरभ“ दिसम्बर २०१४ में प्रकाशित हुआ l "अँधेरे से उजाले की ओर " २०१६ प्रकाशित हुआ है | एक और कविता संग्रह ,एक उपन्यास प्रकाशन के लिए तैयार है !