लघुकथा – गलतफ़हमी
आज एक समाचार पढ़ा-
”अमित शाह को स्वाइन फ्लू, कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कसा विवादित तंज”
दुनिया को यह क्या हो गया है? किसी की बीमारी पर भी तंज!
शाह की बीमारी पर तंज कसते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बीके हरिप्रसाद ने इसे ‘सूअर का जुकाम’ बताया और कहा कि कर्नाटक सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करेंगे तो और भी गंभीर बीमारियां होंगी.
समाचार पढ़कर अनुषा को बरबस अपनी मां की याद हो आई. उसकी मां को अधरंग हो गया था. अच्छी-खासी चलती-फिरती, घर में सारा काम करती महिला अचानक बिस्तर पर बैठने को मजबूर हो जाए, इससे दर्दनाक बात और क्या हो सकती है? मां सारा दिन कहतीं- ”पता नहीं कौन-से जन्म में कौन-से पाप किए थे, कि यह महामारी मुझे लग गई, कहां तो भाग-भागकर सबकी जरूरतें पूरी करती रही, अब पानी का गिलास पास पड़ा है, पर पानी पिलाने के लिए भी किसी की सेवा लेनी पड़ती है!”
लगातार उनकी यह बात सुनकर हम भी मानने लग गए थे, कि ”हो-न-नो यह किसी पाप कर्म का ही प्रतिफल है.”
कुछ दिन पहले एक और समाचार पढ़ने को मिला था- ”सही तरीके से नहीं नहाने से जान भी जा सकती है. इससे लकवा मारने, दिमाग की नस फटने, हार्ट अटैक जैसे मामले देखने को मिल रहे हैं.”
फिर उस पर फिजिशियन की सलाह भी पढ़ी.
अनुषा को मां की बीमारी की बात समझ में आ गई. उसने तुरंत मां को फोन लगाया और उन्हें बताया- ”आजकल लोग बाथरूम में जाकर शावर खोल कर उसके नीचे सीधे खड़े हो जाते हैं, यह तरीका गलत है. नहाते समय सबसे पहले पैरों को भिगोना चाहिए.
इसके बाद एक-एक अंग को भिगोते हुए सिर को सबसे अंत में भिगोएं. ठंड में यह सावधानी विशेष तौर पर बरतनी चाहिए. नहाने का सही तरीका पता नहीं होने से ठंड में स्नान करते समय ही ब्रेन हेमरेज व लकवा की आशंका ज्यादा रहती है. इसलिए भूल जाओ, कि यह बीमारी किसी पाप कर्म का प्रतिफल है.”
एक समाचार में एक इंसान दूसरे इंसान पर तंज कर रहा है, दूसरे में गलतफ़हमी दूर कर जीने का सही तरीका सिखा रहा है.
अमित शाह वाली खबर को दुबारा पढ़ा, लिखा था-
”ठंड में प्रभावी हो जाते हैं स्वाइन फ्लू के वायरस.”
कोई कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद को यह बताकर उनकी गलतफ़हमी भी दूर करे.
सही तरीके से नहीं नहाने से जान भी जा सकती है. इससे लकवा मारने, दिमाग की नस फटने, हार्ट अटैक जैसे मामले देखने को मिल रहे हैं. पीएमसीएच व आइजीआइएमएस में इस तरह के मरीज आ रहे हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है.
इलाज कर रहे डॉक्टरों की मानें, तो अचानक सिर पर पानी डालने की वजह से सिर की नलिकाएं सिकुड़ने से या रक्त के थक्के जमने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं होता. अंत में लकवा व ब्रेन हेमरेज जैसी समस्या खड़ी हो जाती है.
पीएमसीएच के डॉक्टरों ने रिसर्च में पाया कि जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है और वे बीपी, शूगर के मरीज हैं, तो ऐसे लोगों को खतरा ज्यादा है. ठंड के मौसम में पीएमसीएच में रोजाना दो से तीन ऐसे ब्रेन हेमरेज व लकवा के मरीज आ रहे हैं, जो शरीर के बदले सिर पर अचानक पानी डालते हैं.