कविता

कविता की उत्पत्ति

दर्द की ज्वाला जब फूटती है

तो कविता खुदबखुद निकलती है

प्यार की डोर जब टूटती है

तो कलम खुदबखुद चलती है

मन जब अंदर से रोता है

तो शब्दों का सैलाब आता है

और अपना दर्द लिखते लिखते

वो ग़ालिब बन जाता है

-रमाकान्त पटेल

रमाकान्त पटेल

ग्राम-सुजवाँ, पोस्ट-ढुरबई तहसील- टहरौली जिला- झाँसी उ.प्र. पिन-284206 मो-09889534228