सामाजिक

ठक-ठक, ठक-ठक-6

ठक-ठक, ठक-ठक-1
”ठक-ठक, ठक-ठक”.
”कौन है?”
”हम हैं UK के अधिकारी.”
”UK यानी United Kingdom के अधिकारी?”
”नहीं भाई, उत्तराखंड के अधिकारी.”
”आपका स्वागत है, कहिए प्रयागराज कुंभ कैसे आना हुआ?”
”हम हरिद्वार महाकुंभ के लिए प्रयागराज कुंभ मेले से प्रबंधन के गुर सीखने आए हैं.”
”कोई ख़ास बात?”
”यहां की सीवेज-ड्रेनेज की अच्छी व्यवस्था से हम बहुत प्रभावित हैं.”
”और कुछ?”
”यों तो स्वच्छता की रैंकिंग में उत्तराखंड राज्य अच्छा प्रदेश माना जाता है, इसके बावजूद हम और बेहतरी के लिए 10-10 के समूह में अधिकारियों को यहां भेजेंगे, जिससे वे यहां की व्यवस्थाओं खासकर, यहां की ड्रेनेज प्रणाली, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था आदि को देखेंगे और उससे सीख लेंगे.”
”कुछ और बताना है?”
”मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड और प्रयागराज के बीच विमान सेवा की जरूरत महसूस की गई है, जिसके लिए केंद्र सरकार से बातचीत करके एक विमान सेवा शुरू कराई जाएगी.”
”यह तो बहुत अच्छा

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”ठक-ठक, ठक-ठक”.
”कौन है?”
”मैं हूं नमस्ते.”
”नमस्ते भाई, हम तो दिन में दसियों बार नमस्ते करते हैं.”
”वो वाला नमस्ते नहीं, पीछे की तरफ पीठ पर जोड़कर करने वाला नमस्ते.”
”लो जी, कर लिया पीछे की तरफ पीठ पर जोड़कर करने वाला नमस्ते.”
”अरे आपसे हो गया? यह तो कमाल की बात है! एक बार मैंने नीरा से भी ऐसा करने को कहा था, उसने भी कर लिया, उसके साथ बाकी 25 लोग नहीं कर पाए थे.”
”फिर क्या हुआ?”
”लगता है आपको कहानी रोचक लग रही है!”
”अब आप आए हो, तो कुछ नया और अच्छा तो बताकर ही जाओगे न!”
”तो सुनो, एक बार नीरा छोटे-से पोते के साथ फुटबाल से खेल रही थी. झटका आने से उसकी दाहिनी बांहं में दर्द हो गया. सैर करने गाई तो दर्द के कारण बेखबरी में उसने पीछे हाथ जोड़ लिए. उसे लगा कि बांहं दर्द में आराम आ रहा है. उसने दस दिन तक ऐसे ही पीछे हाथ जोड़कर सैर की, उसका दर्द बिलकुल ठीक हो गया.”
”बहुत अच्छा नमस्ते जी, आगे वाली नमस्ते भी और पीछे वाली नमस्ते भी.”

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”ठक-ठक, ठक-ठक”.
”कौन है?”
”मैं हूं संयुक्त राष्ट्र.”
”अरे भाई, आप कैसे आ गए?”
”मैं आपको खुशखबरी देने आया हूं.”
”जल्दी बताइए, क्या खुशखबरी है?”
”बताता हूं, बताता हूं, कोई गाड़ी थोड़े ही न छूट रही है?’
”बहलाइए मत, खुशखबरी जल्दी बताइए.”
”भारत सबसे तेज गति से विकास करता रहेगा. इसकी रफ्तार 2019-20 में 7.6% होगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी कहा है कि भारत अगले दो साल में तेज गति से आगे बढ़ेगा और चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती का अनुमान लगाया गया है.”
”बहुत-बहुत शुक्रिया, संयुक्त राष्ट्र भाई.”

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”ठक-ठक, ठक-ठक”.
”कौन है?”
”मैं हूं होटल.”
”होटल! इसमें नया क्या है?”
”नया-ही-नया है जी. मैं चीन के अलीबाबा ग्रुप का एक ऐसा होटल हूं है, जहां खाना बनाने और उसे परोसने से लेकर रूम सर्विस की सारी सुविधाएं देने का काम रोबोट करते हैं. इस होटल का नाम है FlyZoo, जहां चेकइन, लाइट कंट्रोल और रूम सर्विस का काम आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, रोबोट और ऑटोमैटिक मशीनें करती हैं.”
”अच्छा! हमने हैरानी से कहा.”
”और सुनिए, होटल में कैप्सूल शेप के रोबोट गेस्ट को खाना परोसने का काम करते हैं. इतना ही नहीं होटल में एक स्पेशल बार भी है, जहां रोबोट 20 तरीके के कॉकटेल को सर्व करते हैं.”
”और कुछ?” हमारी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी.”
”इस होटल में फेशियल रेकग्निशन सिस्टम के जरिए एंट्री होती है यानी स्मार्टफोन जैसे फेसआईडी फीचर की मदद से रूम लॉक होता है. होटल के सभी कमरों में वॉइस कमांड टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया गया है. सारे कामों में रोबोट का इस्तेमाल करने की वजह से होटल के लेबर कॉस्ट में काफी कमी आई है.”
”बहुत अच्छे.”

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”ठक-ठक, ठक-ठक”.
”कौन है?”
”हम हैं कुंभ 2019 की जल पुलिस.”
”जय गंगे, जल पुलिस जी, आपका काम तो कमाल का है.”
”आपको कैसे पता?”
”हम भले ही प्रयागराज नहीं गए, पर मन से तो उसी से जुड़े हुए हैं. मन चंगा, तो कठौती में गंगा.”
”बिलकुल ठीक कहा आपने.”
”आप भी कुछ बताइए न!”
”यूपी के प्रयागराज में चल रहे कुंभ 2019 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए संगम में जल पुलिस की तैनाती की गई है. जल पुलिस तीर्थयात्रियों को दूबने नहीं देती, उबार लेती है.”
”वो कैसे?”
”हमारे जवान सब जगह खड़े हैं और यात्रियों को जल स्तर की गहराई का आभास करते हुए आगे जाने रोक देते हैं.”
”और कुछ!”
”कुंभ में डूबतों को बचाएंगे यूपी पुलिस के ‘लाइफबॉय’
लाइफबॉय रिमोट संचालित उपकरण है. इसे डूब रहे व्यक्ति के पास रिमोट कंट्रोल के जरिए पहुंचाया जाता है. यह उपकरण पानी में डूबता नहीं है और पानी में काफी तेज चलता है. उपकरण को दाएं-बाएं घुमाया जा सकता है. यह उपकरण उस दौरान काफी कारगर होगा जब बचाव दल को डूब रहे व्यक्ति के पास पहुंचने में समय लग रहा हो. यह एक तरह की लाइफ जैकेट हैं.”
”जय गंगे, जय नमामि गंगे.”

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “ठक-ठक, ठक-ठक-6

  • लीला तिवानी

    ”ठक-ठक, ठक-ठक”.
    ”कौन है?”
    ”मैं हूं वॉट्सऐप.”
    ”वॉट्सऐप तो हमारे मोबाइल में है, आप यहां आए किसलिए?”
    ”दिल्ली के लोगों की सुविधा के लिए.”
    ”वो कैसे?”
    ”बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस ने वॉट्सऐप नंबर जारी किया है जिस पर उपभोक्ता ड्यूप्लिकेट बिल मंगावा सकते हैं, ताकि बिजली बिल समय पर आपके पास पहुंच जाए, जिससे आपको बेवजह ही लेट फीस न भरनी पड़े. कई बार बिजली बिल खो भी जाता है, इससे भी उपभोक्ताओं को परेशानी होती है.”
    ”ये कैसे होगा?”
    ”इन परेशानियों को दूर करने के लिए बीएसईएस ने साउथ और वेस्ट दिल्ली में रहने वाले लोगों को ड्यूप्लिकेट बिल उनके मोबाइल पर ही उपलब्ध कराने के लिए एक वॉट्सऐप नंबर (9999919123) जारी किया है. उपभोक्ता इस नंबर पर कभी भी डुप्लिकेट बिल मंगा सकते हैं.”
    ”यह तो डिजिटल इंडिया की राह पर अक और नया कदम हो गया?”
    ”जी बिलकुल.”

    दिल्ली के लोगों अब वॉट्सऐप पर मिल जाएगा बिजली का बिल, ऐसे मिलेगी सुविधा

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