लघुकथा – मरीन लाइफ सेवर
अभी-अभी एक कमाल का समाचार पढ़ने को मिला-
”12 साल के बच्चे ने डिजाइन किया ऐसा जहाज जो करेगा समुद्र की सफाई”
सिर्फ़ 12 साल की उम्र में इतना बड़ा काम! यह तो सचमुच कमाल हो गया!
यह जहाज सिर्फ़ समुद्र की सफाई ही नहीं करेगा, यह मरीन लाइफ सेवर भी है. मरीन लाइफ सेवर यानी समुद्री जीव-जंतु और पौधों को बचाने में मदद करने वाला.
यह सब किया महाराष्ट्र के पुणे निवासी 12 साल के हाजिक काजी ने.
”आजकल आपके नाम के बहुत चर्चे चल रहे हैं, थोड़ा विस्तार से बताएंगे, आपने क्या किया है?” हमने 12 साल के हाजिक काजी से पूछा.
”मैंने तो बस एक ऐसे जहाज का मॉडल तैयार किया है जो सिर्फ तैरेगा ही नहीं, बल्कि समुद्र से गंदगी भी साफ करेगा. इसके जरिए जल प्रदूषण को कम करने और मरीन लाइफ (समुद्री जीव-जंतु और पौधे) को बचाने में मदद मिलेगी.” हाजिक काजी का विनम्र जवाब था.
”आपको यह आइडिया आया कैसे?” हमारी जिज्ञासा स्वाभाविक थी.
”मैंने कुछ डॉक्युमेंट्री देखीं और महसूस किया कि समुद्र के जीव-जंतुओं पर कचरे का कितना असर होता है. मैंने सोचा कि कुछ करना चाहिए. हम जो मछली खाने में खाते हैं, वह समुद्र में प्लास्टिक खा रही हैं, इसलिए एक तरह से हम भी समुद्र की गंदगी खा रहे हैं और यह मानव जीवन को भी प्रभावित कर रही है. इसलिए मैंने एक जहाज का डिजाइन तैयार किया, जो समुद्र की गंदगी साफ करेगा और इसे एर्विस (ERVIS) नाम दिया है.”
”जहाज के फंक्शन और फीचर के बारे में कुछ बताएंगे?” हमारा अगला प्रश्न था.
”जी बिलकुल. जहाज सेंट्रीपेटल फोर्स का इस्तेमाल करके कचरे को खींच लेगा. इसके बाद यह पानी, मरीन लाइफ और कचरे को अलग-अलग करेगा. मरीन लाइफ और पानी को वापस समुद्र में भेज दिया जाएगा, जबकि प्लास्टिक वेस्ट को 5 अलग-अलग भागों में बांटा जाएगा.”
”जहाज के डिजाइन की विशेषता?”
”जहाज के निचले हिस्से में एक सेंसर या मैकेनिज्म होगा जो मरीन लाइफ, पानी और प्लास्टिक को डिटेक्ट करेगी. इस जहाज के बेस से एक मशीन जुड़ी होगी जो समुद्र से प्लास्टिक कचरे को खींचकर इसे साइज के अनुसार बांटने का काम करेगी.” काजी ने बताया.
”आपने अपने इस आइडिया को किसी को दिखाया?” हमारी अगली जिज्ञासा थी.
”मैं अपने इस आइडिया को TedEx और Ted8 के जरिए इंटरनैशनल प्लैटफॉर्म में भी पेश कर चुका हूं. मेरे इस आइडिया की कई इंटरनैशनल स्कॉलर्स और संगठन प्रशंसा कर चुके हैं.”
इसके बाद तो काजी को शाबाशी और शुभकामनाएं देना ही शेष बचता था.
हाजिक काजी जब 9 साल के थे तब उनके दिमाग में यह आइडिया आया. वह समुद्री जीव जंतुओं के लिए कुछ करना चाहते थे. हाजिक काजी को हमारी कोटिशः बधाइयां और शुभकामनाएं.