ग़ज़ल
बदी की कामनाओं का बहुत अफसोस होता है।
सभी बेजा खताओं का बहुत अफसोस होता है।
शिफा तो दे नपायीं कुछ वरन नुकसान कर डाला,
उन्ही नकली दवाओं का बहुत अफसोस होता है।
ज़मानेभर में चर्चाका विषय है बोल्डलुक जिनका,
हमें उन कजअदाओं का बहुत अफसोस होता है।
मेरी कुरबानियाँ भी जब उन्हे लगतीं हैं बेमानी,
अभीतक की वफाओंका बहुत अफसोस होता है।
जो मुझसे होचुकीं अबतक बिनासमझे बिनाजाने,
यक़ीनन उन ख़ताओं काबहुत अफसोस होता है।
उड़ा कर ले गयीं बादल बरसने अाये थे जो कल,
अभीतक उन हवाओंका बहुत अफसोस होता है।
नहीं हमने वफा की कुछ नहीं अफसोस है उसका,
जहां भर की जफाओंका बहुत अफसोस होता है।
ग़लत हमने किया जो कल वही नेचर ने लौटाया,
बिगड़तीअब फिजाओंका बहुतअफसोस होताहै।
थीकरनीऔर कीलेकिनसज़ाहमकोमिलीजिसकी,
उन्ही सब यातनाओं का बहुत अफसोस होता है।
— हमीद कानपुरी