ताकि गाती रहे गौरैया
मैं ,निर्मल कुमार शर्मा , ‘गौरैया संरक्षण ‘ करना मेरे जीवन का परम् उद्देश्य है ,मैं मिनिस्ट्री ऑफ आई.टी एंड कम्यूनिकेशन से सेवानिवृत अधिकारी हूँ । गौरैयों के संरक्षण के लिए मैंने पिछले 20 वर्षों से इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए अपनी दिनचर्या का अधिकतर समय लगाता हूँ । अब तक मैं वैज्ञानिक तरीके से , शून्य लागत में लगभग 550 घोसले बना चुका हूँ ,जिन्हें अपने जीने ,बरामदे और छज्जे के नीचे काफी ऊँचाई पर इनके दुश्मनों बिल्ली,गिलहरी,छुछुन्दर और नेवलों की पहुंच से दूर और आंधी-बारिश में भी सुरक्षित स्थान पर टांग दिया हूँ ,इनके बैठने के लिए अपनी छत पर सूखी पेड़ की डालियों को लोहे के तार से बाँधकर पेड़ का रूप दे दिया हूँ ,उनकी प्यास बुझाने और स्नान करने के लिए मिट्टी और प्लास्टिक के लगभग 10-12 छिछले पात्र अपनी छत पर रख दिया हूँ , गर्मियों में इनको खाने के लिए चावल के टुकड़े और जाड़े के मौसम में बाजरे के दाने ,छत पर बिखेर देता हूँ ,इनके सबसे बड़े दुश्मन बाज़ से इन्हें बचाने के लिए गुलेल और मिट्टी की सैकड़ों गोलियाँ बनाकर रख लिया हूँ ।
मेरे यहाँ इस वर्ष फरवरी से अब तक लगभग 275 गौरैयों के नन्हें-नन्हें बच्चे पैदा हुए हैं , प्रातःकाल के समय में मेरे छत का दृश्य अत्यन्त नयनाभिराम और प्रकृति के मधुर धुन ताल ,गौरैयों की चहचहाहट से भरपूर रहता है ,कहीं वे खाना खा रहीं होतीं हैं ,कहीं अपने बच्चों को खिला रही होती हैं ,कहीं स्नान कर रही होतीं हैं ,कहीं आपस में लड़ती-झगड़ती रहती हैं । गौरैयों के अतिरिक्त मेरे छत पर 34-35 अन्य प्रजाति की चिड़ियाँ जैसे हुदहुद ,कोयल, डोव,हमिंगबर्ड ,खंजन ,छोटा बसंत ,तोते ,भुजंगा ,दर्जिन चिड़िया ,तेलिया मुनिया आदि भी नित्य आतीं हैं ।
मैंने गौरैयों के और अन्य पक्षियों की विडिओ ग्राफी ,जो अक्सर मेरे छत पर आतीं हैं ,करके यूट्यूब पर अब तक 445 विडिओ अपलोड कर चुका हूँ ,जिन्हें देश और विदेश के विभिन्न जगहों के लोग देख रहे हैं और उनसे प्रेरणा लेकर अपने घरों और बारामदों में इस विलुप्ति की कग़ार पर खड़ी, हमारी पारिवारिक सदस्या गौरैया को बचाने के पुनीत और पवित्र कार्य को कर रहे हैं । परेशानी होने पर या सलाह के लिए मेरे यूट्यूब ,ईमेल और फोन से सलाह लेते हैं ।
— निर्मल कुमार शर्मा