बजट के पिटारे से किसके लिए क्या निकला
बजट के पिटारे से किसके लिए क्या निकला
शशांक मिश्र भारती
अभी अभी पिछली एक फरवरी को देश के वित मंत्री के अस्वस्थ होने के चलते वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने अपना बजट का पिटारा खोल दिया है। कोई कह रहा सियासी दांव कोई एक और जुमला कोई सियासी स्ट्राइक तो कोई चुनावी ।प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जैक ल्यू ने कहा था कि बजट केवल संख्याओं का खेल नहीं है बल्कि हमारे मूल्यों और आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति है।
बजट से सभी उम्मीद पालते हैं।कई तो सुबह से टी0वी के सामने बैठ जाते हैं।इस बार तो घरों की कामवालियों तक को बजट सुनते देखा गया है।हम यहां पर देने की कोशिश करेंगे कि बजट ने किसमें कितना जोश भरा किसके लिए कितना पिटारे का मुंह खुला –
किसान यह केवल देश का अन्नदाता है।साथ ही देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी है।पहली किसी बजट में इतनी चिन्ता दिखी है।नौ लाख की राहत तो मिली ही है। छोटे और सामान्त किसान जिनकी दो हेक्टेयर तक कृषि जोत है सालाना छः हजार पेंशन उनके बैंक खातें के माध्यम से दी जायेगी। यह राशितीन किस्तों में होगी।पूर्ण कालिक वित्तमंत्री अरुणजेटली जी के अनुसार भविष्य में इस राशि को बढ़ाया भी जा सकती है।इस योजना से कई राज्यों में नब्बे प्रतिशत से अधिक किसानों के लाभान्वित होने की संभावना है। उनमें से उत्तराखण्ड भी एक है।इसी के साथ किसानों को पशुपालन व मत्स्य पालन के लिए दो प्रतिशत ब्याज अनुदान साथ ही गोकुल मिशन का बजट 750 करोड़ हो जाने पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा।पशुपालन आवारा पशुओं की समस्या से भी कुछ हद तक छुटकारा दिलायेगा।
नौकरी पेशा व मध्यम वर्ग यह वर्ग काफी समय से आयकर सीमा बढ़ने की प्रतीक्षा में था जोकि मिला। साढ़े छः लाख तक आय कर मुक्त हो गई पांच लाख तक कर नहीं उससे अधिक डेढ़ लाख अस्सी सी में निवेश पीपीएफ जीपीएफ एलआईसी दो बच्चों की शिक्षा आदि पर। ग्रेच्युटी की सीमा भी हुई दस से बीस लाख।चालीस हजार तक ब्याज पर टीडीएस अब नहीं लगेगा।बेहतर निवेश कर दस लाख तक आय वाला आयकर से बच सकता है।क्योंकि स्टैंडर्ड डिडक्शन पचास हजार सेक्शन अस्सी सी डेढ़लाख एनपीएस पचास हजार बचत पर ब्याज दस हजार अस्सी डी मेडिक्लेम स्वंय पच्चीस हजार माता पिता पच्चीस हजार होम लोन का ब्याज दो लाख अस्सी ई में बच्चों की उच्च शिक्षा पर लोन का ब्याज आदि।इस तरह से न केवल नौकरी व मध्यम वर्ग को आयकर में राहत मिली है। अपितु इनके पास खर्च के लिए भी अधिक पैसा रहेगा ।
श्रमिक/कामगार वर्ग प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना में 15 हजार वेतन वाले मजदूरों का साठ साल की आयु के बाद 3000 पेंशन मिलेगी। एसके लिए यहिद किसी श्रमिक की आयु उन्तीस साल है तो उसे एक सौ रुपये मात्र हर माह जमा करने होंगे।यही नहीं 21000 वेतन वाले श्रमिकों का बोनस 3500 से साधे दुगना कर सात हजार कर दिया गया है। यही नहीं श्रमिकों की मौत पर मिलने वाला मुआवजा ढाई लाख से छः लाख कर दिया है ।इस तरह श्रमिक वर्ग को सामाजिक सुरक्षा देने का महत्वपूर्ण कदम है।
महिलायें यह बजट महिला सशक्तीकरण के लिए भी जाना जायेगा।महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए 174 करोड़ की बढोत्तरी है।दो करोड़ और उज्जवला कनेक्शन अगले एक साल में दिये जायेंगे।मुद्रा लोन में 70 प्रतिशत लाभ महिलाओं को मिलेगा। यही नहीं अब गर्भवती महिलाओं को 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलेगा और मातृवंदना योजना के अर्न्तगत वित्तीय सहायता भी मिलेगी।
रक्षा क्षेत्र व सैनिक मोदी सरकार ने अपने बजट में रक्षा के लिए तीन लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर लियायह पिछले साल से 06.87 प्रतिशत ज्यादा है। इससे की अपनी रक्षा तैयारी व जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।सीमायें अधिक सुरक्षित होंगी। इसी के साथ सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन के तहज 35 हजार करोड़ का आवंटन व 3500 रुपए के स्थान पर 7000 रुपए बोनस मिलेगा।
गायों को मिली कामधेनु इस बजट में गायों का भी ख्याल रखा गया है।इसके लिए राष्ट्रीय गोकुल आयोग की स्थापना कर उस पर 750 करोड़ रुपये राष्ट्रीय कामधेनु मिशन के तहत खर्च किये जायेंगे। जिससे न केवल देसी गायों की नस्ल सुधरेगी। दूध उत्पादन बढ़ने से इसके पालकों की आय भी बढ़ेगी।
इसके अलावा मछली उत्पादकों घुमन्तू जातियों के लिए भी बजट में निकला है जो इनको सामाजिक नयाय और विकास दोनों ही देगा।कुल मिलाकर इस बार का बजट अर्थव्यवस्था और व्यक्ति दोनों को गति देने वाला है।आगमा सरकार यही हो अथवा दूसरी उसके लिए इसको नकारना या अनदेखा करना इतना आसान न होगा। अगर चुनावी झलक वाला बजट कहा जाये तो भी कोई अतिश्योक्ति न होगी।