दो-दो वेलेंटाइन डे मनाऊंगा
लोग तो एक ही वेलेंटाइन डे मनाने को तरसते हैं,
मैं दो-दो वेलेंटाइन डे मनाऊंगा,
खुश होना तो अपने हाथ में हैं,
मैं जी भर खुशियां मनाऊंगा.
मां ने मुझको जन्म दिया है,
पाल-पोसकर बड़ा किया है,
मेरी हर इच्छा पर उसने,
अपने को कुर्बान किया है.
एक गुलाब माता को देकर,
‘वेलेंटाइन डे’ मनाऊंगा,
प्रेम से उससे गले मिलूंगा,
आशीष उसकी पाऊंगा.
टीचर मेरी बहुत ही अच्छी,
ज्ञान-पिटारा देती है,
रोज नया कुछ हमें सिखाकर,
उसकी परीक्षा लेती है.
एक गुलाब टीचर को देकर,
‘वेलेंटाइन डे’ मनाऊंगा,
उसकी आंखों की चमक देखकर,
आशीष उसकी पाऊंगा.
लोग तो एक ही वेलेंटाइन डे मनाने को तरसते हैं,
मैं दो-दो वेलेंटाइन डे मनाऊंगा,
खुश होना तो अपने हाथ में हैं,
मैं जी भर खुशियां मनाऊंगा.
मुझे एडिट करने की विधि पता नहीं चल रही है। कृपया मेरे कमेंट में एक स्थान पर “देता” लिखा गया है। उसे कृपया “देते” पढ़े। असुविधा के लिए खेद है। सादर।
बहुत अच्छी कविता। इसमें यदि ईश्वर का धन्यवाद् भी सम्मिलित होता तो अच्छा लगता। ईश्वर का स्थान हमारे धर्म व संस्कृति में माता पिता व आचार्य से पूर्व है। उसी ने हमें माता पिता व आचार्य दिया हैं। सादर नमस्ते एवं धन्यवाद्।
आदरणीय मनमोहन भाई जी, आपने यह ब्लॉग पढ़ा और इस पर अपने खूबसूरत उद्गार प्रकट किए, आपका हार्दिक अभिनंदन है. आपकी राय से हम सहमत हैं. कभी-कभी भूल हो जाती है, आगे से इसका विशेष ध्यान रखेंगे. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
छोटे-से बच्चे ने मां और टीचर के बारे में तो जगत विदित सच्चाई का उल्लेख किया है, लेकिन जो एक विशेष बात कही है वह है-
खुश होना तो अपने हाथ में हैं,
मैं जी भर खुशियां मनाऊंगा.
सच्चा जीवन जीने का यह अनुपम गुर अगर हम सब सीख पाएं, तो कितना अच्छा हो! फिर तो इस दुनिया में दुःख-वैर का नामोनिशान ही न रहे. सबको आज के ‘चॉकलेट डे’ की और आने वाले ‘वेलेंटाइन डे’ की हार्दिक बधाइयां.