सरोजिनी नायडू: जन्मदिन मुबारक हो
चारों ओर वैलैनटाईन डे की धूम मची है,
अनगिनत खुशियां सबके मन में बसी हैं।
हम तो स्वयं भी यह चाहते हैं कि सब कहें कि,
प्रेमियों की ये मुस्कुराहट कितनी सच्ची है॥
दूसरी तरफ राजनीति और भ्रष्टाचार का बाज़ार सजा है,
चहुं ओर दुर्घटनाओं का बिगुल बजा है।
बलात्कारों की सर्पिणी ने सबको डसा है,
फूल-सी कलियों और महिलाओं की दांव पर लगी अनमोला लज्जा है॥
इन्हीं पचड़ों में हम कहीं महान कवयित्री,
भारत कोकिला सरोजिनी नायडू को भूल न जाएं।
उनका जन्मदिन यों ही सामान्य रूप से,
समाज को बिना कोई अच्छा संदेश दिए चुपके-से बीत न जाए॥
अपशगुनी मानी जाने वाली 13 अंक की तिथि को,
फरवरी के वैलैनटाईन डे और मदनोत्सव के मदभरे मौसम में उनका जन्म हुआ।
या यों कहें कि, 13 अंक की अपशगुनी को,
शगुनी तिथि बनाने को उनका अवतरण हुआ॥
13 तारीख को जन्म लेने वाली इस नन्ही बालिका ने,
13 वर्ष की बाली उम्र में 1300 पंक्तियों की कविता लिखी.
‘लेडी आफ दी लेक’ नामक इस कविता में,
उनकी चतुर्मुखी या यों कहें कि बहुमुखी प्रतिभा की विचित्र झलक दिखी॥
उन्होंने अनेक राष्ट्रीय आंदोलनों का नेतृत्व किया,
देश की खातिर जेल जाने में भी संकोच नहीं किया।
उन्होंने एक धीर वीरांगना की भाँति गाँव-गाँव घूमकर,
देशवासियों को उनके कर्तव्य की याद दिलाने के
पावन कार्य को नया अंजाम दिया॥
बहुभाषाविद इस महान कवयित्री को,
जन्मदिन बहुत-बहुत मुबारक हो।
कोकिलकंठी इस 13 के अपशगुनी अंक को,
शगुनी अंक में बदलने वाली इस महान विदुषी को,
जन्मदिन पुनः-पुनः मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो॥
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सरोजिनी नायडू जैसी विदुषी महिला को भूल कर हम वैलेंटाइन डे मनाने में व्यस्त हो जाते हैं।
बहुत उत्कृष्ट एवं सोई हुई चेतना को चेतना जागृत करने वाली रचना।
प्रिय सखी ज्योत्स्ना जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. सरोजिनी नायडू जैसी विदुषी महिला को भूल कर हम वैलेंटाइन डे मनाने में व्यस्त हो जाते हैं. किसी एक की सोई हुई चेतना भी जाग जाए, तो हमारी लेखनी धन्य हो जाएगी. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
13 फरवरी को जन्मी भारत कोकिला सरोजिनी नायडू को जन्मदिन मुबारक हो. सरोजिनी नायडू ने साहित्य की आराधना के साथ-साथ महिला-सशक्तिकरण और राजलीति में भी अपनी महत्ता साबित की.