कविता

आक्रोश (कविता)

घड़ी दो घड़ी आँसू बहाकर
संवेदना प्रकट कर दिये
काश अपनों का दर्द होता तो
पूरी कायनात रो पड़ती
बुद्ध और महावीर की धरती
आँखें मूँदें रो रही
विभत्सता की परकाष्ठा
क्यों जननी जन्मभूमि को मिल रही
क्यों नहीं तेरे हाथ काँपते
तेरी करतूत से सारा भारत रो रहा है
जिंदगी किसी को दे नहीं सकते
फिर मौत का तांडव क्यों कर रहे ?

— आरती राय

*आरती राय

शैक्षणिक योग्यता--गृहणी जन्मतिथि - 11दिसंबर लेखन की विधाएँ - लघुकथा, कहानियाँ ,कवितायें प्रकाशित पुस्तकें - लघुत्तम महत्तम...लघुकथा संकलन . प्रकाशित दर्पण कथा संग्रह पुरस्कार/सम्मान - आकाशवाणी दरभंगा से कहानी का प्रसारण डाक का सम्पूर्ण पता - आरती राय कृष्णा पूरी .बरहेता रोड . लहेरियासराय जेल के पास जिला ...दरभंगा बिहार . Mo-9430350863 . ईमेल - [email protected]