कमाल के किस्से-26
ये कमाल क्या है? कमाल क्यों होता है? कमाल कब होता है? कुछ पता नहीं, पर हो जाता है. चलिए आज हम फिर कमाल की ही बात कर लेते हैं.
कमाल की शादियां-
अजब प्रेम की गजब कहानी: डॉल्फिन से शादी से लेकर कार से सेक्स तक
1.1000 कारों से सेक्स
एडवर्ड स्मिथ वॉशिंगटन के रहने वाले हैं. वह 1000 कारों से सेक्स का दावा करते हैं.
2.विडियोगेम के कैरक्टर से शादी
तोक्यो के एक 27 साल के विडियो गेम खिलाड़ी ने गेम के एक कैरेक्टर से शादी की. निनटेंडो डीएस गेम में एनेगासाकी (Nene Anegasaki) एक किरदार है जिससे शादी हुई.
3.अपनी जुड़वां बहन के हत्यारे से शादी
अर्जेंटिना की एडिथ कसास ने अपनी जुड़वां बहन के हत्यारे विक्टर सिंगोलानी से शादी की.
4.जुड़वां भाइयों की जुड़वां बहनों से शादी और जुड़वां बच्चे
कई बार कुदरत का अजीब संयोग देखने को मिलता है. ऐसा ही संयोग जुड़वां भाई क्रेग और मार्क सैंडर्स के साथ हुआ. उनकी भेंट ट्विंसबर्ग, ओहियो में जुड़वां बहनों डायना और डार्लीन नेटरमीर से हुई. क्रेग को डायना से और मार्क को डार्लीन से प्यार हो गया. फिर उनका आपस में विवाह हो गया. इसके बाद डायना और क्रेग को जुड़वां लड़के पैदा हुए.
5.डॉल्फिन से महिला की शादी
28 दिसंबर, 2005 को शैरोन टेंडलर नाम की एक ब्रिटिश महिला ने सिंडी नाम की डॉल्फिन से शादी की. उस दिन उसने सफेद कपड़ा पहन रखा था और अपने बालों में गुलाबी रंग का फूल. इजरायल के एक रिजॉर्ट पर उसने चुंबन लेकर सिंडी को प्रपोज किया था.
हैं न अजब-गजब-कमाल की शादियां!
कमाल का चाय वाला-
लखनऊ में तीन युवा दोस्तों ने मिलकर चाय की एक ऐसी दुकान शुरू की है, जहां प्यार में धोखा खाए लोगों को डिस्काउंट दिया जाता है. अपने नाम ‘बेवफा चाय वाला’ से लोगों को आकर्षित कर रही चाय की यह टपरी, वैलंटाइंस वीक में खास तौर पर सिंगल्स का अड्डा बनी हुई है.
कमाल का भुजिया वाला-
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्नैक्स फूड कंपनी केलॉग्स भुजिया से कारोबार की शुरुआत करने वाली दिग्गज भारतीय फर्म हल्दीराम में निवेश करने की तैयारी में है. राजस्थान के बीकानेर से 1937 में एक दुकान से शुरू होने वाले हल्दीराम का कारोबार फिलहाल तीन अरब डॉलर का है. इसमें कोलकाता का बिजनस शामिल नहीं है.
कमाल की कथा-
13 फरवरी 1931 को भारत की नई राजधानी के रूप में दिल्ली का उद्घाटन किया गया था. दिल्ली को राजधानी बनाने की घोषणा 12 दिसंबर 1911 को दिल्ली दरबार में की गई थी. इससे पहले भारत की राजधानी कलकत्ता में थी.
जब दिल्ली को राजधानी बनाने का ऐलान किया गया, उस वक्त दिल्ली पंजाब प्रांत की तहसील थी. दिल्ली को राजधानी बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण का आदेश दिया गया. कई गांवों की जमीन ली गई. नई राजधानी बनाने के लिए पंजाब के उपराज्यपाल ने दिल्ली और बल्लभगढ़ जिले के 128 गांवों की एक लाख 15 हजार एकड़ जमीन अधिग्रहित करने का आदेश दिया. मेरठ जिले के 65 गांवों को भी दिल्ली में शामिल किया गया. यह सभी गांव यमुनापार एरिया के थे और बाद में शाहदरा तहसील के अंदर आए.
अब किस्से कमाल के कमाल के किस्से-25 के कामेंट्स से हमारे कामेंटेटर्स के-
हिन्दी प्रेमियों के लिये एक कमाल का समाचार. हिन्दी को एक और अंतरराष्ट्रीय सम्मान. अबू धाबी: हिंदी बनी अदालत की तीसरी आधिकारिक भाषाअबू धाबी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अरबी और अंग्रेजी के बाद हिंदी को अपनी अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल कर लिया है। न्याय तक पहुंच बढ़ाने के लिहाज से यह कदम उठाया गया है। अबू धाबी न्याय विभाग (एडीजेडी) ने शनिवार को कहा कि उसने श्रम मामलों में अरबी और अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा को शामिल करके अदालतों के समक्ष दावों के बयान के लिए भाषा के माध्यम का विस्तार कर दिया है।अबू धाबी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अरबी और अंग्रेजी के बाद हिंदी को अपनी अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल कर लिया हैइसका मकसद हिंदी भाषी लोगों को मुकदमे की प्रक्रिया, उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सीखने में मदद करना हैआधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात की आबादी का करीब दो तिहाई हिस्सा विदेशों के प्रवासी लोग हैं
सुदर्शन खन्ना
एक किस्सा और. जब फ्रिज नहीं था तब अमेरिका में बर्फ की सिल्लियां काट कर जमा की जाती थीं. आज भी कुछ लोग 122 साल पुराने तरीके से यही काम करते हैं. 19 वीं शताब्दी तक बर्फ की कटाई बड़ा उद्योग थी. न्यू हैम्पशर की स्वाम झील में 16 से 19 इंच तक मोटी बर्फ की सिल्लियां काटी जाती थीं जो 50 किलो के लगभग होती है और जून से सितम्बर के बीच इस्तेमाल होती हैं.
सुदर्शन खन्ना
विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर खगोल विज्ञान की जानकारियों को जनसामान्य तक पहुंचाने के प्रयासों से अपनी अलग पहचान रखते हैं। उन्होंने बताया- गृह नक्षत्रों के मिलान से ही विवाह मुहूर्त निकलते हैं ऐसे में बेटे के विवाह में इन गृहों के दर्शन कराना और उनकी बात करना भी शुभ होगा। इसलिए विवाह समारोह में टेलीस्कोप से आकाश दर्शन कराया जाएगा। सुबह फेरे के समय 4 से 6 बजे तक आसमान में दिखने वाले बृहस्पति, जूपिटर और शनि गृह के दर्शन कराए जाएंगे और शाम को चंद्रमा की कला के दर्शन के साथ सौर मंडल के गृहों के विषय में जानकारी देने वाला विशेष स्टाल सजाया जाएगा। ऐसा है शादी का कार्ड ट्रेन का नाम- प्रखर निमिषा हमसफर एक्सप्रेस कोच नंबर- आयोजन स्थल वृंदावन गार्डन किराया- शुभ आशीर्वाद यात्री श्रेणी- अतिविशिष्ट यात्रा तारीख- 9 फरवरी ऐसे किफायती है कार्ड यह कार्ड 5 रुपए का है जबकि आधुनिक कार्ड 10 रुपए तक के हैं। इसमें अन्य कार्डों की अपेक्षा आधे कागज का उपयोग हुआ है। पीएनआर नंबर में शादी की तारीख, ट्रेन नंबर में हमसफर एक्सप्रेस लिखा है.
रविंदर सूदन
कमाल का धावक-
आजकल इंटरनेट पर 7 साल के फर्राटा धावक रुडोल्फ की धाक खूब जम रही है. नन्ही-सी उम्र का धावक उसेन बोल्ट के बनाए रेकॉर्ड्स को चुनौती देता दिख रहा है. हाल ही में इसने 100m दौड़ में 13. 48 सेकंड का समय निकालकर सभी को चौंका दिया है.
रविंदर सूदन
बूझो तो जानें: देसी तर्क बुद्धि परीक्षण-
मेरे लिये इस प्रश्न का उत्तर देना कुछ हैरानी भरा था जब किसी ने मुझसे पूछा कि ” दो सहेलियां थीं जिसका रूप रंग बोली भाषा वेशभूषा एक जैसा था दोनों एक दूसरे की हूबहू नक़ल थी जिसे आप जुड़वा बहन भी कह सकते हैं फिर भी कद काठी से उन दोनों में फर्क करना नामुमकिन था । दोनों का धर्म अलग अलग था एक हिन्दू थी दूसरी मुस्लिम । अचानक एक दिन दोनों को एक बन्द कमरे में मृत पाया गया । अब परेशानी यह थी दोनों को कैसे पहचाना जाय कि कौन हिन्दू है और कौन मुस्लिम जिससे उन दोनों का अंतिम संस्कार किया जा सकें। बस इसमें राहत की बात इतनी थीं कि दोनों ने मरते समय अपने-अपने भगवान को पुकारा था । अब यह सोचना है कि दोनों की पहचान कैसे हुई ?
करुणा निधि ओझा
एक आदमी एक छोटी बच्ची और एक मुर्गा के साथ जा रहा था, रास्ते में किसी ने पूछा, ” भाई आपकी उम्र और इस मुर्गे का मूल्य क्या है? एवं आपका इस बच्ची से सम्बन्ध क्या है ? इन तीनों प्रश्नों का उत्तर उस आदमी ने एक शब्द में दिया, अब आप बताइए कि उसने क्या कहा?
करुणा निधि ओझा
इसी के साथ ‘किस्से कमाल के’ की इस कड़ी को हम यहीं पर विराम दे रहे हैं. आप भी कामेंट्स में कमाल के अन्य किस्से भेज सकते हैं. कामेंट्स में आए आपके कमाल के किस्से अगली कड़ी में आप अपने नाम से देख पाएंगे.
जवान की जवान पत्नी का कमाल-
शहीद की पत्नी बोलीं- ‘पति की अधूरी ड्यूटी को पूरा करने के लिए मेरा बेटा भी सीआरपीएफ में शामिल होगा’
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में ओडिशा के प्रसन्ना साहू भी शहीद हो गए। वह सीआरपीएफ की 61वीं बटालियन में हेड कॉन्स्टेबल थे। आंतकी हमले में जान गंवाने के बाद उनकी पत्नी मीना (44) और बेटे जगन (16) और बेटी रोनी (18) का रो-रोकर बुरा हाल है। वह 1995 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे।