कविता

कविता

सौंधी सी खुशबू आई है
जरूर मेरे गाँव में बारिश आई है !
नदी कुछ उफान पर है
जरूर किसी की यादों ने कयामत ढ़ाई है !
सुन री अम्मा …..
मुद्दत बाद बाजरे की रोटी और चटनी की महक आई है !
पगडंडियों पर दौड़ते हुए बचपन की याद आई है !
हवा के झोंके से उड़ते दुपट्टे और किसी की बेमानी सी याद आई है !
बहुत अकेली हो गयी है तेरी गुड़िया
जब से तूने शहर में बिहाई है !
समेट ले आँचल में मुझे , दुनिया बहुत पराई है !
डॉली अग्रवाल 

डॉली अग्रवाल

पता - गुड़गांव ईमेल - dollyaggarwal76@gmail. com