हींग लगे न फिटकरी
पाकिस्तानियों ! इमरान ख़ान को गालियाँ मत दो। हिन्दी में कहावत है-“हींग लगे न फिटकरी रंग भी चोखा आए” अर्थात् बिना कोई प्रयास के काम संपन्न हो गया। बेचारा पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली के कारण आतंकवादियों पर गोला-बारूद खर्च नहीं कर सकता। उसने यह खर्च बचा लिया।
आतंकवादी, मुसलमान हैं। धर्म के आधार पर उसके रिश्तेदार हैं। रिश्तेदारों से भी भला कोई बुराई लेता है? हम इतने टुच्चे हैं क्या? यदि वह आतंकियों पर हमला करता तो उसे जन्नत कहाँ नसीब होती? बहत्तर में से तीन देशी-विदेशी आधिकारिक हूरों का स्वाद ज़मीन पर चख चुका है। अनधिकृत की जानकारी मुझे नहीं।
मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान अभियान चला रखा है। इमरान भूल गया था, पाकिस्तान, भारत की औलाद है। सफाई से रहना चाहिए। हमारी वायुसेना ने याद दिला दिया। सफाई हर स्तर पर होनी चाहिए। सफाई हो रही है। वह भी मुफ्त में। पाकिस्तानियों! इमरान को गाली नहीं बधाई दो।
पाकिस्तानियों को तो खुश होना चाहिए कि अब वह ‘आतंकवादी’ देश नहीं कहलाएगा। इमरान उन्हें इस नापाक कलंक से छुटकारा दिला रहा है। धीर-धीरे। संसार में उसकी इज़्ज़त बढ़ जाएगी। भीख भी ससम्मान मिलेगी। देनेवाले को भी लगेगा हमने किसी शरीफ का भला किया है।
मानवता के आधार पर तो भाईचारा हमने निभाया है। आतंकवादियों को मारा। निर्दोष पाकिस्तानियों को नहीं। हमारा धर्म मानवता है, जेहाद नहीं।
शरद सुनेरी
पाकिस्तान के सर पर इतना कर्जा है कि वोह हमेशा अपना सर खुर्कता रहता है . पाकिस्तानी रूपया दिन बदिन नीचे की ओर आ रहा है , कोई उधार भी नहीं देता . एक दफा कोइ घर पे लोंन ले ले और किश्त अदा न कर सके, फिर किश्त अदा करने के लिए और कर्जा ले ले, उस से भी काम न चले तो और कर्जा ले ले, बीवी के गहने भी विक जाएँ , घर के सभी बर्तन भी विक जाएँ तो भाई फिर किया होगा ? तभी तो इमरान सर खुर्कता रहता है !