जो सोचें वो करने की ठाने हैं हम।
दुश्मन को पल में पहचाने हैं हम।
यह देश है हमारा उफनती जवानी।
सच्चे सपूत भू के हम हैं हिंदुस्तानी।
जर्रे जर्रे में ताकत भरी है हमारी।
वीर जवानों की आज आवाज भारी।
वतन के लिए देना हमको कुर्बानी।
सच्चे सपूत भू के हम हैं हिंदुस्तानी।
नसों में हमारे भी बहता है खून
अरिदल कुचलने की पक्की है धुन।
चरणों में माँ के ये जनता दिवानी।
सच्चे सपूत भू के हम हैं हिंदुस्तानी।
— निशा नंदिनी भारतीय
तिनसुकिया, असम