हाथी (ELEPHANT)
हाथी ‘ एक ऐसा शब्द है, जिसे सुनते ही मानव बालमन के मनमस्तिष्क में एक अकल्पनीय रूप से बड़े, काले, सभ्य, सुसंस्कृत जीव जो अपने महावत के आदेशों का पालन करता हुआ, झूमता हुआ, मस्ती भरे चाल में, सजा-धजा चला जा रहा होता है, जिसे उत्सुकता पूर्वक देखने की ललक बच्चों से लेकर बड़ों तक एक समान बनी रहती है। हाथी इस पृथ्वी का स्थल पर सबसे बड़ा स्तनधारी जीव है। हथिनी का गर्भकाल स्तनपायी जीवों में सबसे अधिक 22 माह का होता है, इसके नवजात शिशु का जन्म के समय वजन लगभग 105 किलोग्राम तक होता है। हाथियों का जीवन विस्तार 50 से 70 साल तक होता है। हाथियों में सामाजिकता, सहयोग, दुख, शोक, खुशी आदि भावनाओं के बारे में अभी वैज्ञानिक शोध की बहुत जरूरत है, अब तक के वैज्ञानिक शोधों से पता चलता है कि हाथी एक बहुत ही संवेदनशील प्राणी है जो बच्चों के जन्म पर सामूहिकरूप से खुशी और किसी हाथी की मौत पर बहुत मातम और दुःख की भावना को व्यक्त करते हैं, इसके अतिरिक्त कोई हाथी अगर संकट में फंसता है, तो वह अपने दूर स्थित साथी हाथियों को पुकारने के लिए एक ऐसी अदृश्य (पैरासोनिक) आवाज निकालते हैं, जिसे सुनकर हाथियों का पूरा दल, सामूहिकरूप रूप से मदद को तुरंत दौड़ पड़ता है, जिसे मनुष्य के कान सुन नहीं सकते ! हाथी बुद्धिमत्ता के प्रतीक समझे जाते हैं। इनकी बुद्धि डॉल्फिन और बनमानुषों (चिम्पांजियों और गोरिल्लाओं) के समकक्ष माना जाता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार एक हाथी बचपन में भी जिस रास्ते से गया होता है, उसकी स्मृति आजीवन उसके मस्तिष्क में अंकित हो जाती है, वह उसे कभी भूलता नहीं है, ऐसी विलक्षण स्मृति इस पृथ्वी पर मनुष्य के अतिरिक्त किसी अन्य प्राणी में दुर्लभ है।
वर्तमान काल में मोटे तौर पर आकार-प्रकार के हिसाब से हाथियों की तीन नस्लें इस दुनिया में जीवित हैं।
(1) अफ्रीकी हाथी-ये अफ्रीका के विस्तृत मैदानों में पाये जाने वाला जीव, आकार में सबसे बड़ा होता है, इसकी ऊँचाई 4 मीटर तक और वजन 12000 किलोग्राम तक हो सकता है। इनकी कुल संख्या 690000 तक हो सकती है। भारतीय हाथियों और इनमें शारीरिक तौर पर कई अन्तर होते हैं जैसे इनके कान बहुत बड़े और इनकी पीठ अवतल होती है। इनमें नर-मादा दोनों के वाह्यदंत होते हैं। इनकी संख्या इनके बहुमूल्य दांतों के चलते अवैध शिकार और वनों के अंधाधुंध कटाई से तेजी से कम होती जा रही है।
(2) भारतीय हाथी- यह अफ्रीकी हाथियों से कुछ छोटा, ऊँचाई 3.4 मीटर तक और वजन 5400 किलोग्राम तक होते हैं, इनकी संख्या 38000 से लेकर 53000 तक संभावित हो सकती है, आज भारतीय हाथी अत्यन्त संकटग्रस्त प्राणियों में है।
(3) सुमात्राई हाथी- यह उक्त अपने दोनों भाईयों से छोटा होता है, यह 1.7 मीटर से 2.6 मीटर ऊँचे और वजन में 3000 किलो. तक होते हैं ये अब 2100 से 3000 तक की संख्या में बचे हैं, ये सुमात्रा और बोर्नियो के द्वीपों में अपने अस्तित्व की अन्तिम लड़ाई लड़ रहे हैं।
(वैज्ञानिक शोधों के अनुसार प्रागैतिहासिक काल में सबसे छोटे हाथी यूनान के क्रीट द्वीप में पाये जाते थे जिनकी ऊँचाई मात्र एक गाय के नवजात बछड़े या एक सूअर जितनी ही थी)
— निर्मल कुमार शर्मा