मुक्तक/दोहा

वो प्यार जिसे…

वो प्यार जिसे कभी ‘गीत’ कहता था ,
वो प्यार जिसे आज शब्दों में पिरोता हूँ !

वो प्यार जिसे कभी ख़्वाबों में संजोता था,
वो प्यार जिसे आज शराबों में डुबोता हूँ !!

नीरज सचान

Asstt Engineer BHEL Jhansi. Mo.: 9200012777 email [email protected]