नारी का सम्मान करो
सुरक्षित हो अब तो नारी
इसका पुख्ता काम करो
जो भी करे कुकृत्य इनसे
तुरन्त सजा उनको करो
मुक्त विचरण करे नारी
बेख़ौफ़ घूमे फिरे नारी
उसके अधिकारों की
आओ फिर बात करो
हर क्षेत्र में अवसर दो
आगे बढ़ती जाए नारी
राजनीति खेलकूद में
अव्वल है देश की नारी
जमीं से फलक तक भी
बढ़ती जाती आज नारी
रीति नीति संस्कृति की
पालन करती है नारी
देश की विरासत को
बचा रही है आज नारी
गाँव गाँव ढाणी ढाणी
राजनीति सीखती नारी
गाँव को रोशन करती
पढ़ी आज गाँव की नारी
साक्षर करती गाँव को
अंधकार हरती नारी
गार्गी मदालसा मैत्रीय
सीता सावित्री सी नारी
इंदिरा सरोजनी सी
प्रतिभा सी बढ़ती नारी
देश का मान बढ़ाती
कल्पना सी उड़ती नारी
बछेंद्री सी साहस वाली
ऊँची चढ़ती जाती नारी
रानी लक्ष्मीबाई सी ये
अदम्य साहसी होती नारी
सहनशील सागर सी होती
सरिता सी निर्मल नारी
पुष्प सी कोमल है नारी
हम सबकी जननी है नारी
देवी का प्रतिरूप है नारी
शक्ति का प्रतीक है नारी
— कवि राजेश पुरोहित