गीत
होली में सब गले मिलेंगे
सारे शिकवे दूर हटेंगे।1
दहन होलिका का तो होगा।
और साथ में द्वेष जलेंगे।2
भांग और ठंडाई होगी।
रंग भंग के सभी रंगेंगे।3
छक कर जब पी लें ठंडाई
भांग नशे में खूब हँसेंगे।4
टेसू अरु पलाश को लेकर।
पुष्प रंग में सभी रंगेंगे।5
गुझिया पापड़ और मिठाई।
पकवानों से सभी छकेंगे।6
ढोल मंजीरे चहुँ दिशि बाजें।
फागुन के अब गीत सजेंगे।7
फागों के रागों में रमकर।
उर के सब संताप मिटेंगे।8
गुब्बारे पिचकारी लेकर
रंगों की बरसात करेंगे।9