सूरजमुखी फूल
अभी-अभी सुरेंद्र को बैंक में पदोन्नति की सूचना मिली थी. वह खुशी से फूला नहीं समा रहा था. उसी खुशी ने उसको स्मृतियों को ताजा कर दिया था.
सुरेंद्र बैंक की विभागीय परीक्षा पास करके पदोन्नति पाने का आकांक्षी था, पर परीक्षा की पेचीदगी के बारे में सुनकर वह भयभीत भी था. तभी उसने एक महान व्यक्ति रॉब का एक कथन पढ़ा-
”मैं एक गायक और गीतकार हूँ, अगर मैं ये काम नहीं कर रहा होता हूँ तो मैं एक मुरझाये हुए फूल की तरह हो जाता हूँ और जब मैं ये काम कर रहा होता हूँ तो मैं एक छह फीट ऊँचे सूरजमुखी के फूल की तरह खिल जाता हूँ.”
इसे पढ़ते ही सुरेंद्र ने भी सफलता के लिए सूरजमुखी फूल बनने का इरादा कर लिया था.
सूरजमुखी फूल अमरीका का देशज है पर रूस, अमरीका, ब्रिटेन, मिस्र, डेनमार्क, स्वीडन और भारत आदि अनेक देशों में आज उगाया जाता है। इसका नाम सूरजमुखी इस कारण पड़ा कि यह सूर्य और ओर झुकता रहता है, हालाँकि प्राय: सभी पेड़ पौधे सूर्य प्रकाश के लिए सूर्य की ओर कुछ न कुछ झुकते हैं। सूरजमुखी का सूर्य की ओर झुकना आँखों से देखा जा सकता है। बागों में उगाए जाने वाले सूरजमुखी की उपर्युक्त प्रथम दो जातियाँ ही हैं। इसके पेड़ 1 मी. से 5 मी. तक ऊँचे होते हैं। इनके डंठल बड़े तुनुक होते हैं, हवा के झोंके से टूट जा सकते हैं अत: इनमें टेक लगाने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसकी पत्तियाँ 7 सेमी से 30 सेमी लंबी होती है। कुछ सूरजमुखी एकवर्षी होते हैं और कुछ बहुवर्षी ; कुछ बड़े कद के होते हैं और कुछ छोटे कद के।