कविता

चौकीदार।

जनता का अब के मूड कुछ ओर है।
कुछ कहते हैं कि चौकीदार ही चोर है।

पहली बार नेता ऐसा मिला है वतन को;
इसलिए विपक्ष के खेमें में इतना शोर है।

न मुद्ददा कोई ठोस न वतन की परवाह है;
बेतुकी बातें अशांति को भेदती पुरजोर है।

हर भारतीय चाहता नेता अपना जानदार हो;
देश ही नहीं विदेश में भी लगे नई भोर है।

आओ बड़ाएं कदम जो देशहित की ओर हो;
न बोले बस बेकार में कि चौकीदार चोर है।
कामनी गुप्ता ***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |