लघुकथा

पकौड़ी लाल

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लोकसभा चुनाव: अपना दल ने पकौड़ी लाल को राबर्ट्सगंज से मैदान में उतारा
अभी हम पकौड़ी लाल का नाम पकौड़ी लाल कैसे पड़ा होगा, पकौड़ी लाल का क्या घोषणा पत्र है, उनका लाल रंग से क्या नाता है आदि-आदि पर विचार कर ही रहे थे, कि हमारे सामने एक रंग-बिरंगा समाचार उछला-
लोकसभा चुनाव: उम्मीदवारों का अजब-गजब नामांकन, कोई बन गया दूल्हा, किसी ने धरा देवी का रूप,
उम्मीदवारों ने अजब-गजब रूप धरकर नामांकन पत्र भरा. कोई बन गया दूल्हा, किसी ने धरा देवी का रूप, कोई सेना की वर्दी में नामांकन करने पहुंचा तो किसी ने 25 हजार रुपये के सिक्के लेकर नामांकन भरा. कोई ट्रैक्टर से नामांकन भरने पहुंचा तो कोई खुली जीप से. एक महाशय तो बैलगाड़ी से नामांकन पर्चा दाखिल करने पहुंचे.
हमें तो पकौड़ी लाल ने बहुत लुभाया. नाम ही लुभाने वाला है. वो तो बाद में पता चला, कि पकौड़ी लाल का खाने वाली पकौड़ियों से कोई वास्ता नहीं है. पकौड़ी लाल पूर्व सांसद रह चुके हैं, साथ ही वह अपना दल के राष्ट्रीय सचिव भी. वे यूपी से लोकसभा चुनाव में अपना दल के उम्मीदवार हैं.
”पकौड़ी लाल जी, आपका घोषणा पत्र क्या कहता है?” हमारा पूछना स्वाभाविक था.
”देखिए जी ऐसा है कि हम तो अपना दल की तरफ से बीजेपी, निषाद पार्टी और एसबीएसपी के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारे जा रहे हैं, सो जो उनका एजेंडा होगा, वही हमारा भी होगा.”
”यानी कि आपके अपने घोषणा पत्र का कोई वजूद ही नहीं है?” हमें हैरानी हो रही थी.
”आपने वजूद की बात भली चलाई! जिनके घोषणा पत्र का वजूद है, उनका हाल आपने भी देखा है हमने भी. चुनाव लड़ रहे हैं, जीत गए तो घोषणा पत्र अपने आप ही बन जाएगा.”
”आप जीतकर देश के लिए क्या करना चाहेंगे?” यह प्रश्न तो हमें करना ही था!
”जनता यह न समझे कि हमारा नाम पकौड़ी लाल है, तो हम सबको पकौड़ी ही, खिलाएंगे, हमें मौका दिया गया तो जीतकर देश के विकास के लिए बहुत कुछ करना चाहेंगे.” कहते हुए पकौड़ी लाल चल दिए.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

4 thoughts on “पकौड़ी लाल

  • लीला तिवानी

    प्रिय ब्लॉगर सुदर्शन भाई जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. यह लाल ऐसा लाल है, जिसे ताश के जोकर की तरह कहीं भी फिट कर दो, यह लाल ही रहेगा. आपका चुटकुला भी कमाल का है, पर पकौड़ी लाल नामी लाल हैं, आगे क्या अंजाम होगा, यह मालूम नहीं फिलहाल. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन , कहते हैं ना, जैसा देश वैसा भेस . अब भारत में आजादी से ले कर आज तक यही तो हो रहा है, कोई मिलिटरी जवान के वेश में तो कोई देवता और कोई कुछ कोई कुछ लेकिन मैनीफैस्टो की कोई बात नहीं की वोह अगर जीत गए तो किया करेंगे . उन को भी पता है की वोटर भी ऐसे ही हैं जो किसी देवता की शक्ल पर लट्टू होते हैं तो कोई पकौड़ी लाल के नाम को देख कर . तो फिर विकास हुआ या नहीं, इस पर बात करनी भी फजूल ही होगी . मुझे बचपन के दिनों के चुनाव परचार याद हैं जब लोग गीत गाने वाले एक स्टेज पर किसी पार्टी के हक्क में बोलते थे तो दुसरी स्टेज पर उस के ही विरुद्ध गीत गाते थे . पंजाबी के कुछ गीतों के मुखड़े याद हैं , एक स्टेज पर गाते थे, वोट हाथी वाले, वोट पंजे वाले बक्से च पावां कि जग भावें रूसिया फिरे . दुसरी स्टेज पर जा कर बोलते थे, वोट ना पाई अनजाना गांधी दिआँ चेलिया नूँ ,तीसरी स्टेज पर बोलते थे , बोल बोल गई बोल गई ओ , कांग्रस राज दी कुकड़ू घडू, हूँ . गुरमेल भमरा

  • लीला तिवानी

    महाराष्ट्र की हातकणंगले लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार आनंदराव वसंतराव सारनायक अनोखे अंदाज में नामांकन दाखिल करने पहुंचे. आनंदराव रिटायर्ड सैन्यकर्मी हैं और उन्होंने अपनी यूनिफॉर्म में ही नामांकन का पर्चा भरा. वह अपने साथ एक मिट्टी के घड़े में जमानत राशि भी लेकर आए जिसे अंतिम यात्रा के दौरान लिया जाता है.
    हातकणंगले लोकसभा सीट से सेना (महायुति) प्रत्याशी धैर्यशील माणे ने ट्रैक्टर से कलेक्टर ऑफिस पहुंचकर नामांकन दाखिल किया.
    महाराष्ट्र की नागपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नाना पटोले खुली जीप से नामांकन दाखिल करने पहुंचे.
    महाराष्ट्र में स्वाभिमानी शेतकारी संघठन के नेता राजू शेट्टी ने नामांकन दाखिल करने के लिए बैलगाड़ी की सवारी की.
    दक्षिण चेन्नै सीट एक निर्दलीय प्रत्याशी कुप्पलजी देवादोस ने लोकसभा चुनाव के नॉमिनेशन फॉर्म के साथ 25 हजार रुपये के सिक्के के रूप में जमानत राशि लेकर कलेक्ट्रेट में जमा किए। उम्मीदवार का यह निराला अंदाज देखकर वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
    मदुरै लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार किन्नर बाराथी कन्नमा ने मीनाक्षी अम्मन देवी के रूप धरकर नामांकन पर्चा भरा। कन्नमा स्कूटी से कलेक्टर ऑफिसर पहुंची थीं और अपने साथ एक मुस्लिम और एक ईसाई साथी को भी लाई थीं।
    यूपी के शाहजहांपुर से संयुक्त विकास पार्टी के उम्मीदवार वैद्य राजकिशन ने नामांकन दाखिल करने के लिए बारात निकाली और दूल्हे के रूप में घोड़ी पर चढ़कर नामांकन पर्चा भरा। उन्होंने कहा, ‘राजनीति का दामाद बन कर जा रहा हूं। दुल्हन तो 23 मई के बाद आएगी।’

    • सुदर्शन खन्ना

      आदरणीय दीदी, सादर प्रणाम. पकौड़ी लाल … लाल भी क्या अजीब शै है … कभी लाल रंग … कभी माँ का लाल … कभी धरती का लाल … कभी गुस्से वाला लाल … कभी लाल बादशाह … कभी नाम के बाद लगने वाला लाल जैसे पकौड़ी लाल … कभी नाम के पहले लगने वाला लाल — जैसे लाल सिंह … बहरहाल पकौड़ी लाल उम्मीद का दामन थामकर उम्मीदवार बन गए हैं … अब लाल का क्या होगा हाल … मालूम नहीं फिलहाल … हो सकता है २ वोट मिल जाएं … फिर पूछेंगे … एक वोट तो मेरी बीवी का होगा … दूसरा किस का है … क्योंकि मैंने अपना वोट भी खुद को नहीं दिया है … लाल लाल पकौड़ी लाल। .. मज़ेदार गुफ्तगू.

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