कहो न कहो
कहो न कहो तुम मुझ से
मैं सब समझ लूंगी।
ग़मजदा हो तुम,खामोशी बता रही है
सारे ग़म दे दो ,दामन में समेट लूंगी।
तुम्हारे गम की दवा नहीं कर सकती
खुदा से तुम्हारे लिए दुआ मांग लूंगी।
वो हसीन लम्हें,जो साथ बिताए हमने
वे सारे लम्हें फिर से,याद दिला दूगी।
शोले जो गम की ,दिल में जल रही है
प्यार भरी शीतल हवा से बूझा दूंगी।
इखित्यार है जिन चीजों पर मेरा
सब तेरे कदमों में बिछा दूंगी।
यकीं तो करो मेरे हमदम, हमसफ़र
कहो तो अपनी जान की भी कुर्रबानी दे दूंगी।
लवों पर एक बार मुस्कुराहट तो लाओ
तुम्हें देख सारे जहां की खुशियां पा लूंगी।
— मंजु लता