महासंग्राम
सुबह-सुबह मोबाइल पर सुप्रभात-संदेश देखते हुए शैफ जैसी टोपी लगाए महा आधुनिक-से दिखने वाले एक किशोर के चित्र ने मुग्धा को मुग्ध कर दिया. चित्र क्या था, सोच का महासंग्राम था. मुग्धा खुद सोच में पड़ गई, कि यह क्या सोच रहा है?
”शायद यह सोच रहा है, कि मेरा सी.बी.एस.सी. का परिणाम आने वाला है, खाना बनाने का शौकीन मैं शैफ बनूं या फिर अपने पाइलट बनने के सपने को पूरा करूं?” मुग्धा पल भर में ही सोच गई.
”नहीं-नहीं, उसने लाइटर तो जला लिया है, पर सिगरेट जलाकर शायद इसे अपने फेफड़ों पर कालिख लगाऊं-न-लगाऊं की दुविधा खाए जा रही है, इसलिए कमर पर हाथ रखकर कुछ सोच रहा है, मानो धूम्रपान न करने के लिए कमर कसकर तैयार हो!” अगले पल उसने सोचा. सोच की कोई सीमा-परिसीमा थोड़े ही न होती है! उसकी सोच 35 साल पहले के जीजाजी के एक फोन कॉल पर केंद्रित हो गई.
”मुग्धा. ‘शक्ति धारा’ मैग्जीन तुम्हारे पास पहुंच गई क्या?”
”नमस्ते जीजाजी, पहुंच गई है.”
”लेख ‘धूम्रपान’ बहुत ग़ज़ब का लिखा है तुमने, ये तथ्य कहां से मिले?”
”जीजाजी, पहले यह बताइए कि कोई गुस्ताखी तो नहीं हो गई?”
”अरे नहीं-नहीं, ऐसी बात नहीं है. आजकल मेरे मन में सोच का महासंग्राम चल रहा है, लगता है इस आलेख से मुझे समाधान मिल गया है, इसलिए इसके तथ्यों की प्रामाणिकता को जानना चाहता था.”
”जीजाजी, 31 मई को ‘तंबाकू निषेध दिवस’ होता है, उसी उपलक्ष में हमारे स्कूल में ‘धूम्रपान की रोकथाम विभाग’ से कुछ विशेषज्ञ आए थे, उन्होंने ही ये तथ्य बताए थे. आपके किसी ख़ास मरीज के मर्ज का कोई ख़ास संकेत मिल गया है क्या?”
”बिलकुल ठीक समझा तुमने. यह जो तुमने लिखा है न कि हाथ के नाखूनों में कोई दर्द हो या खून निकले, यह कैंसर का लक्षण है, शायद इससे मेरा मरीज भी ठीक हो जाए और एक बार फिर होम्योपैथी की जय-जयकार हो जाए!”
”जीजाजी, यह चमत्कार अवश्य होगा. आपके हाथ में शफ़ा जो है!”
उसी साल जीजाजी के एक और फोन कॉल से मुग्धा को इस चमत्कार के होने का समाचार भी मिला था और इसी आलेख पर ‘शक्ति धारा’ के मुग्धा को लगातार 15वीं बार सर्वश्रेष्ठ लेखक के पुरस्कार मिलने की सूचना भी.
धूम्रपान क्या कोई भी लत इतनी खतरनाक है, कि उससे मुक्ति पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. जब तक आंख खुलती है बहुत देर हो जाती है. फिर कोई चमत्कार ही इससे बचा सकता है.
ठीक कहा लीला बहन , लत कोई भी हो छूटना मुश्किल हो जाता है .फिर भी अगर अपनी सिहत को ले कर कोई नई बात सामने आई हो तो उस पर गौर करना चाहिए क्योंकि अछि सिहत ही लाइफ इंशोरेंस है .