यादें…..
यादें कभी ठहरती नहीं
वो बहती रहती है नदी की भांति
कभी उफनती है तो कभी
शीतलता का सुकून भी कराती है अन्तस् को
कुछ आज की तो कुछ बीते दिनों के
लम्हों को दोहराती है जिंदगी में
और हम जीने लगते है उस मंजर को
फिर से एकबार
कुछ मुस्कुराहट तो कुछ आसुओं के साथ
यादें बेबफा नहीं होती कभी
बड़ी शिद्दत से संजोती है मन के कोने में
किसी की नफरत, किसी की मुहब्बत
स्नेह, ममता तो किसी की यारी, दोस्ती को
परिस्थितियां अक्सर दगा दे जाती है इंसान को
पर यादों का कारवां साथ चलती है ढलती उम्र तक।