खूबसूरत संघर्ष
संघर्ष भी खूबसूरत होता है, यह मुझे पता नहीं था. वह तो सपने में एक कलाकृति देखी, जिसमें बड़े-से कठोर पत्थर से बंधी एक खूबसूरत तितली को बहुत खूबसूरती से सीढ़ियों पर चढ़ने के लिए संघर्ष करते देखकर उससे बतियाया, तब कहीं जाकर यह पता चला कि संघर्ष भी खूबसूरत हो सकता है.
”तितली रानी, पत्थर से बंधे हुए होने के बावजूद तुम इतनी खूबसूरती से संघर्ष कैसे कर पा रही हो?” मेरी सहज जिज्ञासा थी.
”आपने मुझे रानी कहा है. रानी यानी नारी और नारी तो है ही खूबरत संघर्ष का दूसरा नाम, यह तो नारी ने हर युग में सिद्ध किया है.”
”तुम्हें हर युग का ज्ञान है?” मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं था.
”हम सब प्रकृति के अविनाशी अंश हैं और किसी-न-किसी रूप में हर युग में विद्यमान होते हैं और विद्यमान होने का सीधा अर्थ है, संघर्ष करना. अब यह संघर्ष मजबूरी में भी किया जा सकता है, खूबसूरती से भी. खूबसूरती से संघर्ष करने वाले मेरी तरह संघर्ष करते हुए भी अपनी खूबसूरती कायम रख सकते हैं.” मैं और हैरान हो रही थी.
”ऐसा संघर्ष करने वाली नारियां मैत्रेयी, गार्गी, विश्ववारा लोप, अपाला, मुद्रा, घोषा, इन्द्राणी, देवयानी जैसी विदुषी एवं ब्रह्मवादिनी, सीता जैसी पातिव्रत धर्म निभाने वाली, अहिल्या जैसी तपस्विनी बन पाती हैं.” तितली ने कहा.
”आधुनिक युग में भी क्या ऐसा संभव है?” मेरी जिज्ञासा उत्कर्ष पर थी.
”क्यों नहीं? तुम जो उसका जीवंत प्रमाण हो!”
”मैं! कैसे?”
”भूल गईं क्या? जब से जन्म लिया है, हर एक के साथ समझौता करते हुए भी अपनी अस्मत को बरकरार रखा है और उच्च पदस्थ होने की गरिमा भी कायम रखी है. लोग तुम्हारे साहस की मिसाल देते हैं.”
”मुझे चने के झाड़ पर क्यों चढ़ा रही हो तितली रानी?”
वहां तो तितली थी ही नहीं, मेरी आंख जो खुल गई थी. हां, खूबसूरत संघर्ष करने का संकल्प अवश्य जन्म ले चुका था.
जिंदगी का दूसरा नाम संघर्ष है. अब यह संघर्ष मजबूरी में भी किया जा सकता है और हंसकर खूबसूरती से भी. चुनाव हमें करना है. एक कामेंट में सुदर्शन खन्ना जी ने गुरमैल भाई के जीवन को ”खूबसूरत संघर्ष” करने वाला महान जीवंत नायक बताया था. इस लघुकथा का शीर्षक हमें हमारे इस सुधि कामेंटेटर से मिला. सुदर्शन खन्ना जी को शुक्रिया और धन्यवाद.