ग़ज़ल
भर गया दिल प्रेम से दिलदार का
अब नहीं कोई वजह इनकार का |
सिर्फ हर्षोल्लास पर्वों में नहीं,
मान मर्यादा रखो त्यौहार का |
आपकी तस्वीर सीने पर रखी
चाह मेरी आपके दीदार का |
यह जटिल फंडा समझना है कठिन
संत का संसार से बेजार का |
फंड का कुप्रयोग होता ही रहा
दोष इसमें दोहरा सरकार का |
एकमत होती नहीं अब पार्टियां
पार्टियां रस्ते चुनी तकरार का |
यह महंगाई कठिन की जीस्त को
चेहरा बदला सभी बाजार का |
कालीपद ‘प्रसाद