पाकिस्तान
हम पूजनेवाले गाँधी को ,वे मानवता के संहारक हैं
हम विश्वगुरु बनने की राह पर वे आतंकवाद अनुज्ञाधारक हैं
हम दीप जलाते घर घर में वे घर जलाने के आ दी हैं
हम मदर टेरेसा के पथ के वे लखवी और बगदादी हैं
हम सत्य अहिंसा के रक्षक वे उग्रवाद के घोर उपासक
हम प्रेम करुणा की प्रतिमूर्ति वे हैं दानव और विश्व विनाशक
हमने ताशकंद में मुद्दे सुलझाए उन्होंने तांडव सरे बाजार किया
हमने समझौते की ट्रैन चलाई उन्होंने २६/११ का नरसंहार किया
हमने उनके हाथ में फूल और गले में दोस्ती का हार दिया
उन्होंने कई वर्षों तक जेल में रखकर सरबजीत को मार दिया
हमारी दोस्ती के बदले वे पीठ में खंजर दे गए
वीर छत्रप हेमराज का सर काटकर ले गए
हम हमेशा बहते रहे भावनाओं और जज्बातों में
वे पत्थर आकर थमा गए कश्मीरियों के हाथों में
वे सराहते रहते हरदम अज़मल,अफ़ज़ल और वानी को
जाने क्या नाम दिया जाये इस षड़यंत्र और शैतानी को
ये करतूतें बंद न हुई तो कारण पर्याप्त हो जायेगा
एक दिन अपने ही आतंकवाद से पाक समाप्त हो जायेगा
विक्रम कुमार