ई०वी०एम०
शर्मीली नार “ई०वी०एम०”
छुपाए थी दिल में,
वोटर का प्यार !
आज खुलमखुल्ला बोल उठी,
उसे तो है…
मोदी से प्यार !!
दिल बात जुबां पे आयी,
तो लगने लगा,
उस पर भी दोष !
नजरें चुरा के शरमा के बोली,
मैंने तो किया है…
सच का उद्घोष !!
नजरें लोगों की लगी बदलने
लगने लगे,
नित नए इल्जाम !
आरोप लगे, अपहरण हुआ,
कोसा गया…
उसे सरेआम !!
थी शंका जमाने को भी
कि छुपा ना पायेगी
वो अपना प्यार !
पर उम्मीद ना थी
सरेआम बोलेगी –
अबकी बार… मोदी सरकार।
अंजु गुप्ता