कविता

कविता

दुआओ में लिये अपने ,घर को खुशहाल बनाना है,
घनी रूकावटो होते सपने ,भागते घोड़े सा निशाना है.
न रुकना ही न बैठे ही रहे, बस गम में बेग बढाना
अश्व सी तेज चाल रेखा ले बस ,तूफानों से टकराना है .
लताओं के मिल से उड़ने वाले आशाओं के मोहरे ,
तमन्ना की होड जीवन बना बढने को पग पाना है .
न घबराना न चाल धीमी से कोई कदम ही  डोले
गजव की तेजी से सोचा मुश्किल कन्दराओमें जाना है..
रेखा मोहन २५/५/१९

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]