प्रबंधन
वाराणसी के एक चाय विक्रेता ने मोदी की दूसरी जीत पर सारे दिन लोगों में फ्री चाय बांटी. इसके लिए कन्हैया नाम के चाय विक्रेता ने करीब 500 लीटर दूध का इंतजाम किया था. निश्चय ही वह चायवाला अच्छा प्रबंधनकर्त्ता भी होगा, जिसने प्रधानमंत्री के दुबारा चुने जाने पर तन-मन-धन लगाकर पूरी शिद्दत से अपनी खुशी जाहिर की.
किसी को सपने में भी कभी यह विचार नहीं आया था कि एक चायवाला कभी भारत का सम्माननीय प्रधान मंत्री बन सकता है. उसके बाद दूसरी बार भी अपने काम और नीतियों की बदौलत प्रचंड जीत हासिल कर सकता है. मोदी जी ने ऐसा संभव कर दिखाया. देखा जाय तो एक चायवाला अच्छा प्रबंधन भी कर सकता है.
चायवाला एक व्यवसायी होता है. व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन (Management) का अर्थ है- उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना, ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके. प्रबन्धन के अन्तर्गत आयोजन (planning), संगठन-निर्माण (organizing), स्टाफिंग(staffing), नेतृत्व करना (directing) तथा संगठन अथवा पहल का नियंत्रण (control of organization) करना आदि आते हैं.
मोदी जी ने यह सब कर दिखाया. उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय किया. इससे भी बड़ी बात लोगों तक ये योजनाएं पहुंचीं भी और जनता ने इसे शिद्दत से महसूस भी किया.
मोदी जी ने न सिर्फ अपने दल को बल्कि सभी सहयोगी दलों को भी अपने साथ अंत तक जोड़े रखा, यह उनकी कुशलता का परिचायक है.
प्रबंधन इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें. प्रबंधन में पारस्परिक रूप से संबंधित वह कार्य सम्मिलित हैं, जिन्हें सभी प्रबंधक करते हैं. प्रबंधक अलग-अलग कार्यों पर भिन्न समय लगाते हैं. संगठन के उच्चस्तर पर बैठे प्रबंधक नियोजन एवं संगठन पर नीचे स्तर के प्रबंधकों की तुलना में अधिक समय लगाते हैं. मोदी जी ने भी ऐसा ही किया. उन्होंने अपने लिए प्रतिदिन मात्र साढ़े तीन घंटे नींद का समय नियत किया. अन्य किसी को ऐसा करने के लिए उन्होंने नहीं कहा, लेकिन उनके नेतृत्व में लोगों को इतना विश्वास था, कि उन्होंने जिसको जो भी काम सौंपा, उसने मन से उस काम को पूरा किया. कुशल नेता अपने सहायकों पर विश्वास रखता है, मोदी जी ने भी ऐसा ही किया.
इसी कुशल प्रबंधन और परस्पर विश्वास का नतीजा निकला, कि जनता ने उन्हें पूर्ण बहुमत से दुबारा सरकार बनाने का जनादेश दिया.
प्रबंधन एक कला है और मोदी जी इस कला के महान कलाकार. उनकी कलाकारी से समूचा विपक्ष हैरान भी है और परेशान भी.
प्रबंधन एक विज्ञान भी है और मोदी जी एक महान वैज्ञानिक. उनके इस अद्भुत विज्ञान से समूचा संसार स्तब्ध है और विपक्ष इस्तीफा देने को तैयार.
मोदी जी के प्रबंधन का नया संकल्प- ‘नई सरकार कोई कमी नहीं छोड़ेगी.’
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री नामित करके शपथ ग्रहण का भी न्योता दिया है। मोदी ने कहा कि सरकार सबकी उम्मीदों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।