कविता – महानायक मोदी
कलम जय लिख रही मोदी की ,
करे बखान व्यक्तित्व का ।
कुशल चितेरा मोदी जी का
लिखती गौरव कृतित्व का ।
थे पिता दमोदर दास और
हीराबेन माता मिली ।
संस्कार से धनी बचपन था ,
थी जीवन की भोर खिली ।
सूरज सम जीवन है उनका ,
संघर्षी आग में जला ।
परिश्रम निष्ठा लगन के संग
सपनों का संसार चला ।
हिमालय – सा सजग प्रहरी ,
चौकन्ना दिन – रात रहे
साहस दृढ़ता धैर्य से भरा ,
परिश्रम सच की बात कहे ।
कमल सम जीवन जिया उसने ,
मोह की कीच को त्याग दिया ।
फिर कार्यों से कमल खिला के ,
नमो का गान राग दिया ।
संस्कृति का सहस्त्र दल बनके ,
लगाया गले जन -जन को ।
ढही दीवार जाति वंश की ,
दी खुशियाँ गरीब मन को ।
नव भारत का निर्माता है ,
है राष्ट्र नायक देश का ।
नयी पीढ़ी का आदर्श है ,
फकीरी का वेश उसका ।
स्वयं गतिशील संस्था बन के ,
कर्मठय का संदेश है ।
नेतृत्व , कृतित्व की शक्ति से ,
बुलन्दी पर अब देश है ।
सबका साथ सभी का विकास ,
दिया नारा विश्वास का
गरीबी से करना मुक्त है ,
दलित गरीब की आस है ।
विश्व गुरु बने भारत फिर से
बनाना समृद्ध देश है ।
मेक इन इंडिया डिजिटल ओ ,
स्वच्छता का संदेश है ।
भारत का लाडला लाल है ,
जगत को दी पहचान है ।
प्रचारक प्रशासक संन्यासी ,
अध्यात्म तीरथ जान है ।
नव भारत का निर्माता है ,
देश का राष्ट्रनायक है ।
नयी पीढ़ी का आदर्श है ,
विश्व शांति का नायक है ।
— डॉ मंजु गुप्ता
वाशी , नवी मुंबई