नई सरकार के सामने चुनौतियां और संभावनाएं
नई सरकार के सामने चुनौतियां और संभावनाएं
कल नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के नेतृत्व में नई सरकार ने शपथ ले ली।यहीं से उसकी जिम्मेदारियां और अगले पांच सालों के लिए चुनौतियां आरम्भ हो गईं।चूंकि अब सरकार का निरन्तर दूसरा कार्यकाल है।सरकार के लगभग पयादे वही हैं जो इनकी पहली सरकार में थे।नेतृत्व कर्ता वही है।बल्कि यह कहूं कि इस बार सरकार की टीम पहले से अधिक समर्थवान अनुभवी और कुशल लोगों की टीम है।पहले ही दिन एक बार प्रधानमंत्री कैबिनेट राज्यमंत्री सहित अट्ठावन मन्त्रियों का शपथ लेना महत्वपूर्ण हो जाता है।सरसरी तौर पर देखें तो देश में पूर्वोत्तर हो दक्षिण पश्चिम या उत्तर हर क्षेत्र को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास है।वहीं महिला पुरुष के साथ साथ हर वर्ग जाति और छोटे बड़े राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन के सहयोगी को उसकी अपेक्षा व लोकसभा चुनाव 2019 में परिणाम के बाद आयी ताकत के अनुसार प्रतिनिधित्व देने का प्रयास है।यहीं नहीं प्रधानमंत्री ने देश की अपेक्षाओं व जनता के विश्वास को देखते हुए राज्य सभा से और वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारियों को पिछली बार की अपनी सरकार की तरह इस बार भी अपने मन्त्रिमण्डल में लेने में कोई संकोच न किया है।पिछले बार तो यह दूसरे दलों ने इस्तीफा दिलाकर भी एक दो को सरकार में लाये थे।पिछले कार्यकाल में इस तरह के लोगों के कार्यकाल को सरकार के लिए अच्छा माना गया।इसलिए इस बार भी इस तरह की पहल को अच्छा माना जा सकता है। लगातार दूसरी बार सत्ता में आने से जनता की अपेक्षायें अधिक हो जाती हैं।उसके द्वारा किये गये भारी भरकम जनादेश को बनाये रखना ही मेरे अनुमान से इस सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।
राष्टप्रति भवन में जिस तरह के चेहरे शपथ लेते दिखायी दिये।उनमें ऐसे बारह वह चेहरे है जिन्होंने पिछली सरकार में अपने दायित्व निर्वहन में अच्छा कार्य किया अपितु इस बात को देश की जनता जनार्दन राजनीति के पण्डितों हर तरह की मीडिया यहां तक की पूरे देश ने अनुभव किया।कई बार इन चेहरों की सफलता के गुणगान सदन के अन्दर व बाहर घोर विरोधी भी करते दिखे।इनमें आदरणीय राजनाथ सिंह श्रीमती निर्मलासीतारमण सुषमास्वराज नितिन गडकरी राज्य बर्धन सिंह राठौर रविशंकर प्रसाद रामविलास पासवान किरणरिजिजू डा. हर्षवर्धन का नाम लिया जा सकता है।
चूंकि इस बार इनमें से एक दो को छोड़कर अधिकांश को स्थान दिया गया है।क्रिकेट की पारी की तरह एक सफलतम शतक लगा चुके हैं।दूसरी पारी में अधिक कुछ सीखने को नहीं है।मन्त्रालय कोई भी हो नीचे की टीम पुरानी और मंजी हुई मिलने वाली है अन्यथा आपके अनुसार उसके गठन का विकल्प भी रहेगा।इसके यह माना जा सकता है कि आप पहले से अधिक अच्छा व पारदर्शी परिणाम देने में सफल होंगे।यह सफलता केवल आपके लिए ही लाभदायक नहीं होगी अपितु सरकार की छवि उस पर अगाध विश्वास के साथ साथ उन सभी चेहरों के लिए जो पहली बार सरकार में आये हैं मन्त्री बनने वाले प्रेरणा देने का काम करेगी।आप सभी को देख उनकी अन्तरात्मा नयी स्फूर्ति प्राणशक्ति भरेगी।
नयी सरकार के समक्ष इस बार देश के बाहर की अपेक्षा अन्दर अघिक हैं।सबसे पहले पढ़े लिखे युवाओं के लिए रोजगार किसानों की उपज के सही दामों के बीच में अभी तक चल रही बिचौलिया गीरी खत्मकरना उसकी जेब में खाद बीज भर का पैसा ही न डालना अपितु हारी बीमारी लायक आर्थिक मजबूती देना पिछले पांच सालों में आधारभूत ढांचें को आगे बढ़ाने को काम को और गति देना।अपने घोषणा पत्र की बातों को जल्दी से जमीन पर उतारना।सबसे बड़ी चुनौती कर्मचारियों अधिकारियों में ईमानदारी से काम करने की आदत विकसित करना।उनकी अन्धभक्ति या काम करने की लचर और भ्रष्ट आदत अभी तक सही व्यक्ति तक योजनाओं या योजनाओं के लिए आवंटित पैसे के पहुंचने में बहुत बड़ी बाधा बन रही है।जिसका एक परिणाम मैं पिछले तीन साल से उत्तर प्रदेश के अन्दर गौवंशीय पशुओं पर भारी भरकम बजट आवंटित होने के बाद भी उनको किसानों के द्वारा मोदी योगी के रूप में पुकारते और बड़ी संख्या में फसलों का नुकसान करते देखते हैं।इसके अलावा कार्यालयों में काम करने की लचर व्यवस्था बैंकों की हर तरह की मनमानी, विभिन्न क्षेत्रों के ठेकेदारों की लापरवाही को एक चुनौती के रूप में लिये बिना सरकार छोटी से छोटी चुनौती का सामना नहीं कर सकती।जनता के असीम विश्वास को कैसे बनाये रख पायेगी।
अभी अभी सरकार बनी है।विभागों का बंटवारा होना है।पुराने लोगों के साथ-साथ नये लोगों को भी दायित्व मिलने हैं।ऐसे में देश के प्रधानमंत्री के रूप में लगातार दूसरी बार पद संभालने वाने नरेन्द्र भाई मोदी जी के मुख्यमंत्री के रूप में लम्बे कार्यकाल अनुभव और पिछले पांच सालों में प्रधानमंत्री के रूप में उनके दायित्व निर्वहन अपनी टीम के सम्बन्ध में कोई भी खतरा उठाते हुए निर्णय लेना उसमें कई बार सबको चौंका देना देने वाले निर्णय आश्वस्त करते हैं कि नयी सरकार देश के अन्दर अथवा बाहर किसी भी चुनौती का सफलता पूर्वक सामना करने के साथ साथ भारत की जनता के द्वारा किये गये अगाध विश्वास को पूरा करने में सफल होगी।