विज्ञान

अंतरिक्ष में भी इतिहास रचते भारतीय वैज्ञानिक

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन  {इसरो } के वैज्ञानिक अपनी प्रतिभा ,लगन और मेधा शक्ति से नित नये-नये किर्तिमान रच रहे हैं । ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अंतरिक्ष के क्षेत्र के पुराने दिग्गज खिलाड़ियों ,जैसे रूस ,अमेरिका और चीन को हमारे प्रतिभावान वैज्ञानिक कुछ सालों में ही बहुत पीछे छोड़ कर अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम फहरा देंगे ! इसका कारण ये है कि ये पुराने अंतरिक्ष के दिग्गज खिलाड़ी भी अंतरिक्ष के क्षेत्र में बहुत सी असफलताओं के बाद ही वे अपने आज के मुकाम पर पहुंचे है ,परन्तु भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की अंतरिक्ष के क्षेत्र में किए गये उपलब्धियों के मामले में असफलता की प्रतिशत दर पुराने दिग्गजों की असफलता की दर के मुकाबले लगभग नगण्य है । इसके अतिरिक्त हमारे वैज्ञानिक बहुत कम बजट में ही वह सफलता की बुलंदियों को छू लिए ,जिन उपलब्धियों को प्राप्त करने में पुराने दिग्गज कई गुना धन लगाने के बाद वह लक्ष्य प्राप्त कर सके ,जैसे चन्द्रयान मिशन और मंगलयान मिशन हमारे वैज्ञानिकों ने उनके मुकाबले बहुत ही कम खर्च में और अपने प्रथम प्रयास में ही सफलतापूर्वक अपने मिशन में कामयाब रहे ।
      इन सफलताओं से उत्साहित हमारे होनहार अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुखिया डॉ. सिवन ने घोषणा की है कि भारत भी स्वतंत्र रूप से अपना इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन { आईएसएस } ,जिसका वजन आईएसएस से काफी कम लगभग 20 टन होगा ,जिसमें अंंतरिक्ष वैज्ञानिक 15 से 20 तक रहकर अपना अनुसंधान कर सकते हैं , को सन् 2030 तक बनाकर पृथ्वी की निचली कक्षा में प्रक्षेपित कर देंगे  । ज्ञातव्य है कि फिलहाल वर्तमान में अंतरिक्ष में दो स्पेस स्टेशन हैं ,एक ‘आईएसएस ‘,जिसे रूस ,जापान , कनाडा और कुछ यूरोपियन देशों ने मिलकर बनाया है और दूसरा चीन द्वारा निर्मित ‘तियांगोंग-2’ है । इसरो के प्रवक्ता के अनुसार 2022 से पूर्व ही भारत अपना मानव सहित अंंतरिक्ष यान ‘गगन यान ‘ पृथ्वी की कक्षा में  प्रक्षेपित कर देगा ।  इसके अतिरिक्त भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का एक अंतरिक्ष यान 2-3 सालों में शुक्र ग्रह को प्रक्षेपित करने का भी कार्यक्रम है , इसके अलावे इसरो के वैज्ञानिक 2020 तक एक अंतरिक्ष यान पृथ्वी और सूर्य के बीच लग्रांजियन बिंदु { एल-1} तक ,जो इस धरती से 15 लाख किमी. दूर है और वहाँ तक जाने में अंतरिक्ष यान को 109 दिन लगेंगे ,प्रक्षेपण का भी लक्ष्य है ।
        कई तरह के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को जारी रखते हुए हमारे इसरो के दृढ निश्चयी ,लगनशील और मेधावी अंतरिक्ष वैज्ञानिक अपने लक्ष्य में जुटे हुए हैं । समस्त देश उन्हें सम्मान पूर्वक उनके मिशन की सफलता की मंगकामना करता है ।
 
— निर्मल कुमार शर्मा

*निर्मल कुमार शर्मा

"गौरैया संरक्षण" ,"पर्यावरण संरक्षण ", "गरीब बच्चों के स्कू्ल में निःशुल्क शिक्षण" ,"वृक्षारोपण" ,"छत पर बागवानी", " समाचार पत्रों एवंम् पत्रिकाओं में ,स्वतंत्र लेखन" , "पर्यावरण पर नाट्य लेखन,निर्देशन एवम् उनका मंचन " जी-181-ए , एच.आई.जी.फ्लैट्स, डबल स्टोरी , सेक्टर-11, प्रताप विहार , गाजियाबाद , (उ0 प्र0) पिन नं 201009 मोबाईल नम्बर 9910629632 ई मेल [email protected]