कविता

आम

देखो देखो बाजार में आया आम ।
सुंदर सुंदर खूब रस भरा आम ।।

गर्मी का मौसम तू दिन भर करता काम ।
श्याम ढले घर पहुच कर खा ले अब आम ।।

दिन भर की थकान पल भर मिटा देगा आम।
बस अब खूब मजे से तू खा ले आम।।

दिन में गर्मी के कारण जब लगे प्यास ।
आम का पीकर शेक दूर कर दे प्यास ।।

अपनी एक अलग सुंदरता में इठलाता आम।
हरा लाल और पीले रंगों में ढला सूंदर आम ।।

कच्चे आम की सब्जी भी मन को है भाती। चपाती भी आम के साथ पेट मे मजे से जाती ।।

बहुत पड़ रही गर्मी आम लोग है परेशान।
मत कर चिंता गर्मी की तू खा ले आम ।।

बच्चो के मन को भी भाता इसकी गुठली चूसना ।
वाह भई वाह रात को सब एक साथ खाते आम ।।

नीरज त्यागी

पिता का नाम - श्री आनंद कुमार त्यागी माता का नाम - स्व.श्रीमती राज बाला त्यागी ई मेल आईडी- [email protected] एवं [email protected] ग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)