कविता

लिखना छोड़ दिया

  सपनो को बुनना छोड़ दिया। हाँ मैंने अब लिखना छोड़ दिया।। हर तरफ अब झूठ की मंडी लगी है। मैंने अब सच को दिखाना छोड़ दिया।। आस्तीन के साँपो से आज खुश है सभी, मैंने लोगो को उन्हें दिखाना छोड़ दिया। जब गिरगिट सा रंग बदलना भाता सबको, मैंने तब दुनिया से मिलना छोड़ […]

कहानी

गाँधी गिरी

राजू एक नवी कक्षा का छात्र है और अपने घर के पास ही एक सरकारी स्कूल में पढ़ता है। राजू बचपन से ही पढ़ने बहुत होशियार विद्यार्थी है। लेकिन उसके दिमाग की सारी अच्छाइयां उसके गणित के अध्यापक के सामने खत्म हो जाती हैं। वह लगातार अपने गणित के अध्यापक के हाथों डांट खाता रहता […]

लघुकथा

कमाने की दौड़

पति के गुजर जाने के बाद भी कमला ने घर-घर काम करके और जीवन भर लोगों की बात सुनते हुए जैसे-तैसे अपने इकलौते बेटे अमर को पढ़ाया।उसने कभी भी अमर को इस बात का एहसास नहीं होने दिया कि वह एक कामवाली का बेटा है।उसने रोटी कमाने के लिए दिन-रात एक कर दिया।सुबह से रात […]

कविता

जिंदगी के इम्तिहान

जिंदगी अब भी तेरे इम्तिहान बाकी है क्या ? *टूटे सपनो के साथ कैसे जीता है जीवन कोई,* मुझे देखने के बाद और कुछ देखना बाकी है क्या? जिंदगी अब भी तेरे इम्तिहान बाकी है क्या ? *टूटे पंखों के साथ आकाश से गिरे पंछी सा हाल,* मुझे देखने के बाद और कुछ देखना बाकी […]

कविता

गणपति विसर्जन

  प्यारे दादू , प्यारे दादू , जरा मुझको ये समझाओ। क्यों करते है , गणपति पूजा मुझको ये बतलाओ। क्यों विसर्जन करते गणपति,मुझको ये बतलाओ। ये क्या रहस्य है दादू , जरा मुझको ये समझाओ। पास मेरे तुम आओ बाबू , तुमको मैं समझाता हूँ। क्या होता गणपति विसर्जन तुमको ये बतलाता हूँ। देखो […]

कविता

बीते पल

  कहाँ कोई किसी को हमेशा याद रखता है। साथ है जब तक,बस तभी तक हाथ मिलता है।। ये कुछ लम्हे जिनका साथ आज तुझको मिलता है। तपती धूप में कुछ पल बारिश में भीगने सा लगता है।। चलते – चलते कभी भी किसी के पैर नही थकते है। छुट जाता है जब किसी का […]

लघुकथा

मिसाल

  किसी बड़े शहर की एक पूरी पॉश सोसाइटी को सरकारी सोसाइटी कहा जाता था।यहां पर रहने वाले सभी लोग अच्छी बड़ी-बड़ी सरकारी नौकरियों पर काम करने वाले थे या सरकारी नौकरियों से रिटायर हुए व्यक्ति थे।जैसा कि सभी पॉश सोसाइटी में होता है।यहां भी सुबह अंधेरे ही छोटे-छोटे बच्चे जो कूड़ा चुनने वाले होते […]

लघुकथा

फीस वृद्धि

  लॉक डाउन के समय में अपने बच्चों की पढ़ाई खराब होने का डर शर्मा जी को लगातार हो रहा था।फिर कुछ खबर आई कि बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन होगी।अब शर्मा जी को कुछ तस्सली हुई।उन्हें लगा शायद अब बच्चों का 1 साल खराब होने से बच जाएगा।ऑनलाइन पढ़ाई शुरू होने के कुछ दिनों बाद […]

बाल कविता

बाल सिपाही

बनकर नन्ना सिपाही, मैं देश के काम आऊँगा। दादा जी,मेरे प्यारे दादा जी मैं सीमा पर लड़ने जाऊँगा।। दुश्मन मचा रहा आतंक, मैं भी उनसे लड़ जाऊँगा। पापा लड़ते है सीमा पर, मैं उनका साथ निभाऊँगा।। हैं पास मेरे छोटी बंदूक मेरी, मैं दुश्मन पर उसे चलाऊँगा। साथ है मेरे छोटे-छोटे साथी, मैं सबको वहाँ […]

लघुकथा

पद का गलत इस्तेमाल

  पंडित हरि किशन जी घर-घर पूजा-पाठ कर अपने और अपने परिवार का लालन-पालन बड़ी मुश्किलों से कर पाते थे।कभी-कभी किसी-किसी घर से अच्छी दक्षिणा मिलने पर घर पर अच्छा खाना भी बन जाता था।लेकिन कोरोना बीमारी की इन खतरनाक परिस्थितियों में धीरे-धीरे उनके काम में बहुत ही कमी आ गई।आजकल कोई भी अपने घर […]