कविता

बीते पल

 

कहाँ कोई किसी को हमेशा याद रखता है।
साथ है जब तक,बस तभी तक हाथ मिलता है।।

ये कुछ लम्हे जिनका साथ आज तुझको मिलता है।
तपती धूप में कुछ पल बारिश में भीगने सा लगता है।।

चलते – चलते कभी भी किसी के पैर नही थकते है।
छुट जाता है जब किसी का साथ,ये तभी दुखते है।।

ना जाने बीते हुए पलो में कितने रिश्ते छूटते गए।
परेशां वही है,जिसके मन के पटल पर वो रुकते गए।।

हर अगले पल कोई पुराना दोस्त छूटता चला गया।
तेरा ही मन भावुक था , जो टूटता चला गया।।

नीरज त्यागी

पिता का नाम - श्री आनंद कुमार त्यागी माता का नाम - स्व.श्रीमती राज बाला त्यागी ई मेल आईडी- neerajtya@yahoo.in एवं neerajtyagi262@gmail.com ग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)