यादों के झरोखे से-7
पल्स पोलियो रविवार 16 जून, 2019 पर विशेष
पल्स पोलियो रविवार
नारे, जिनसे पोलियो हारे
पल्स पोलियो का अभियान,
क्यों न बने अपना अभिमान.
अगर सफल हो यह अभियान,
बने देश के हित वरदान.
आज की आवाज़,
पोलियो रहित समाज.
पोलियो हटाएं,
देश को बचाएं.
आओ मिलकर करें चढ़ाई,
पोलियो से करें लड़ाई.
आओ धरा का कर्ज़ चुका दें,
घर-घर से हम पोलियो हटादें.
पोलियो रहित हों सब इंसान,
तभी बढ़ेगी देश की शान.
पोलियो को हटाना है,
देश को बचाना है.
नवयुग का है एक ही नारा,
पोलियो रहित हो देश हमारा.
यादों के झरोखे से हम आपको कुछ ऐसी बातें भी बताना चाहते हैं, जो शायद बहुत-से नए लोगों को पता भी नहीं होंगी. यह बात तो हम पहले भी बता चुके हैं, कि शुरु-शुरु में हमारे ब्लॉग मैनेजर में किसी भी नए-पुराने ब्लॉग पर कामेंट आता था, तो हमें ब्लॉग मैनेजर खोलते ही पता चल जाता था.
उस समय किसी Fake कामेंट को अस्वीकृत भी किया जा सकता था.
सबसे बड़ी बात यह थी, कि हर सप्ताह एक ब्लॉग को नवभारत टाइम्स द्वारा सुपरहिट की उपाधि से विभूषित किया जाता था. यह ब्लॉग भी ऐसे ही ब्लॉग्स में से एक है. सुपरहिट की उपाधि से विभूषित होने के लिए कामेंट्स का अधिक होना जरूरी नहीं था, जो रचना अधिक पढ़ी जाती थी, जिसमें कोई ख़ास संदेश होता था, जो किसी सकारात्मक-समसामयिक विषय पर आधारित हो, उसी को सुपरहिट की उपाधि से विभूषित किया जाता था. हमारे काउंटिंग मीटर से पता चलता था, कि हमारी रचनाएं लगभग 2000 बार प्रतिदिन खुलती-पढ़ी जाती थीं.
इस रचना पर ब्लॉगर भाई प्रकाश गुप्ता भाई का कामेंट था-
”बहुत सुन्दर. ब्लॉग्स पर गैर राजनीतिक व गैर साम्प्रदायिक पोस्ट भी होनी चाहिये. पोस्ट कम हों पर गुण वाली हों और जो सरकारें पोलिओ उन्मूलन अभियान में जुटीं हुई हें, उनके लिये एक अच्छी सामग्री, एक अच्छा नारा. स्वागत है.”
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आज रविवार 16 जून भी पल्स पोलियो रविवार है, अपने व आसपास के पांच साल से छोटे बच्चों को पल्स पोलियो ड्रॉप्स पिलाना न भूलें. यह न सोचें कि पोलियो वायरस तो देश से समाप्त हो गया है, यह फिर भी वापिस आ सकता है, इसलिए हर बार अपने व आसपास के पांच साल से छोटे बच्चों को पल्स पोलियो ड्रॉप्स पिलाना न भूलें.