स्वास्थ्य

रोड शो-1: बात सेहत की

आज हम एक नई श्रंखला: रोड शो का आग़ाज़ कर रहे हैं.
”रोड शो का अर्थ है डंके की चोट पर जगना-जगाना. क्या हम-आप तैयार जगने-जगाने के लिए?”
जी, बिलकुल. इसीलिए तो हमें यह शानदार मंच मिला है.”
तो आइए देखते हैं इस बार इस रोड में क्या हो रहा है?
इस रोड में हम विभिन्न विषयों पर बात कर सकेंगे. इस अंक का विषय है, बात सेहत की. आप जानते ही हैं कि सेहत, एक बड़ी नेमत है. सेहत को बरकरार रखने के लिए यथायोग्य आहार-विहार करना आवश्यक है. श्री कृष्ण जी ने श्री मद्भग्वद्गीता के अध्याय 6 के 17 वें श्लोक में आहार-विहार के लिए कहा है-
”युक्ताहारविहारस्य युक्ताचेष्टस्य कर्मसु।
युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दु:खहा॥”
तात्पर्य यह है कि ‘जिसकी खुराक और चाल संतुलित हो , जिसका आचार बढ़िया हो, जिसका नियम से सोना एवं उठना हो- ध्यान का रास्ता उसके सभी दु:खों एवं दु:खी जीवन को समाप्त कर देता है.’
तो आज बात करते हैं सेहत की.

सबसे पहले एक दिल दहलाने वाली खबर, ताकि हम सावधान रह सकें-
चाउमीन का सॉस खाने से बच्चे के फेफड़े फटे, 16 दिन वेंटिलेटर पर रहा, मुश्किल से बची जान

बच्चे के पिता मंजूर के हाथ पर भी सॉस गिरा था. उनका हाथ भी जल गया. डॉक्टर ने बताया कि इस तरह का यह पहला केस उनके सामने आया है. डॉक्टरों के मुताबिक, एसिटिक ऐसिड के कारण उसके ऑर्गन अंदर से जल चुके थे. हरियाणा के यमुनानगर में सड़क किनारे रेहड़ी वाले से बच्चे ने चाउमीन ली थी.

एसी की लत हड्डियों के लिए मुसीबत, इन चीजों से बनाएं दूरी-
हमारी बदलती लाइफस्टाइल न सिर्फ हमारी सेहत पर बल्कि हड्डियों पर भी बुरा असर डाल रही है. हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए सही डायट और न्यूट्रिशन लेना बेहद जरूरी है. बहुत ज्यादा देर तक एसी में रहने से भी हड्डियां वीक होती जाती हैं इसलिए एसी की लत से बाहर आएं, तभी आपकी हड्डियां मजबूत हो पाएंगी. एसी की हवा हड्डियों को धीरे-धीरे कमजोर बना देती है और हड्डियों की स्ट्रेंथ कम होने लगती है. इसका मतलब है कि आप लगातार एसी में बैठकर अपनी हड्डियों की ताकत को कम कर रहे हैं.

​टीवी के आगे देर तक बैठना
टीवी पर अपना फेवरिट शो इंजॉय करना कोई बुरी बात नहीं, लेकिन लंबे समय तक टीवी के आगे बैठे रहने से आपकी हड्डियों को नुकसान पहुंचता है. दरअसल, जब आप लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहते हैं, तो आपके शरीर में ज्यादा मूवमेंट नहीं होती जिससे हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है.

​ज्यादा साइकिल चलाना
यह कहना गलत नहीं होगा कि साइकिल चलाने से दिल और फेफड़े मजबूत होते हैं, लेकिन इससे हड्डियों को फायदा नहीं होता. दरअसल, साइकिल चलाने से हड्डियों की डेंसिटी पर फर्क नहीं पड़ता है. अगर आप साइकिल चलाने के शौकीन हैं तो आपको साइकिल चलाने के साथ-साथ भाग-दौड़, डांसिंग, स्विमिंग जैसी गतिविधियों पर भी ध्यान देना चाहिए.

​विटमिन डी की कमी
हड्डियों को मजबूत बनाने में विटमिन-डी बेहद जरूरी है। हफ्ते में कम से कम 10 से 15 मिनट के लिए धूप में रहकर विटमिन-डी लेना चाहिए, लेकिन ज्यादा समय तक धूप में रहने से बचें क्योंकि इससे स्किन कैंसर होने के साथ-साथ कई दूसरी स्किन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं. हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए ऐसी चीजों का सेवन करें जिसमें विटमिन-डी भरपूर मात्रा में हो. खाने में दूध, बादाम, चावल, जूस आदि चीजों का सेवन फायदेमंद होगा.

​सोडा ड्रिंक्र ज्यादा पीना
जरूरत से ज्यादा सोडा वाली ड्रिंक्स हड्डियों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. कुछ स्टडी में सामने आ चुका है कि हड्डियों को कैफीन और सोडा ड्रिंक में मौजूद फॉस्फॉरस से नुकसान पहुंचता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हड्डियों को तब नुकसान पहुंचता है जब लोग दूध की जगह सोडा ड्रिंक का सेवन करते है. बता दें, जरूरत से ज्यादा कॉफी या चाय पीने से भी हड्डियों का कैल्शियम कम होता है, जिससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं.

​सिगरेट शराब का सेवन
जब लोग सिगरेट पीते हैं तो सांस के जरिए उनके शरीर में धुंआ जाने लगता है, जिससे शरीर में हड्डियों के स्वस्थ टिश्यूज आसानी से नहीं बनते. ज्यादा धूम्रपान करने वाले लोगों की हड्डियों में फ्रैक्चर होने की संभावना ज्यादा होती है. इसके अलावा ज्यादा ऐल्कॉहॉल भी हड्डियों के लिए नुकसानदायक है. अगर अपनी हड्डियों को मजबूत रखना चाहते हैं तो ऐल्कॉहॉल का कम से कम सेवन करें.

बर्फ के ये 10 फायदे-
1-कड़वी दवाई खाने से पहले मुंह में बर्फ का टुकड़ा रख लें, दवाई कड़वी ही नहीं लगेगी.
2- यदि आपने बहुत ज्यादा खा लिया है और खाना पच नहीं रहा, तो थोड़ा-सा बर्फ का टुकड़ा खा लें, खाना शीघ्र पच जाएगा.
3- यदि आपके पास मेकअप का भी समय नहीं है या आपकी त्वचा ढीली पड़ती जा रही है तो एक बर्फ का छोटा-सा टुकड़ा लेकर उसे किसी कपड़े में (हो सके तो मखमल का) लपेट चेहरे पर लगाइए, इससे आपके चेहरे की त्वचा टाइट होगी और यह टुकड़ा आपकी त्वचा में ऐसा निखार ला देगा जो और कहीं नहीं मिलेगा.
4- प्लास्टिक में बर्फ का टुकड़ा लपेटकर सिर पर रखने से सिरदर्द में राहत मिलती है.
5- यदि आपको शरीर में कहीं पर भी चोट लग गई है और खून निकल रहा है, तो उस जगह बर्फ मसलने से खून बहना बंद हो जाता है.
6- कांटा चुभने पर बर्फ लगाकर उस हिस्से को सुन्न कर लें, कांटा या फांस आसानी से निकल जाएगा और दर्द भी नहीं होगा.
7- अंदरुनी यानी गुम चोट लगने पर बर्फ लगाने से खून नहीं जमता व दर्द भी कम होता है.
8- नाक से खून आने पर बर्फ को कपड़े में लेकर नाक के ऊपर चारों और रखें, थोड़ी देर में खून निकलना बंद हो जाएगा.
9- धीरे-धीरे बर्फ का टुकड़ा चूसने से उल्टी बंद हो जाती है.
10- पैरों की एड़ियों में बहुत ज्यादा तीखा दर्द हो तो बर्फ की क्यूब मलने से आराम मिलेगा.

स्वस्थ रहने के लिए एक टिप सिनेमा-जगत से-
फिट और हेल्दी रहने के लिए ये चीजें खाती हैं हिना खान
1.हर दिन 10 से 12 गिलास पानी
2.नारियल पानी और दही का सेवन
3.हर दिन 1 आंवला खाती हैं हिना
4.ओवरईटिंग से बचती हैं हिना
इसके अलावा ओवरडाईटिंग से भी बचना चाहिए.

अंत में सुदर्शन भाई द्वारा भेजे गए तरबूज के प्रयोग के कुछ कमाल के नुस्खे-
1 कप तरबूज के रस में 1 चुटकी सेंधा नमक डालकर पीने से उच्च रक्तचाप (हाइ ब्ल्ड प्रेशर) कम होता है.
2.यदि गर्मियों का मौसम चल रहा हो तो तरबूज के रस में काला नमक डालकर पीने से एलर्जी दूर होती है.
3.सिर में दर्द गर्मी के कारण हो तो तरबूज के गूदा रस पीने से दर्द ठीक हो जाता है.
4.भोजन के बाद अगर कलेजे में जलन होकर उल्टी आ रही हो तो सुबह-सुबह 1 गिलास तरबूज का रस मिश्री मिलाकर पीने से लाभ मिलता है.
5.तरबूज के अंदर के गूदे को त्वच के जहरीले छले पर लगाकर पट्टी बांधने से छाले ठीक हो जाते हैं.
6.तरबूज का रस पीने से जोड़ों के दर्द में लाभ मिलता है.
7.यदि धूप में चलने के कारण ज्वर हो जाए तो तरबूज का सेवन करने से बुखार ठीक हो जाता है.
8.तरबूज की जड़ को पीसकर उसे तीन बार छनकर कम-से-कम 19 दिन तक रोज खाएं, तो पथरी गलकर निकल जाती है.
9.कुछ दिनों तक तरबूज का सेवन करने से कब्ज की समस्या खत्म हो जाती है.
प्रेषक-
सुदर्शन खन्ना

आशा है, आपको इस श्रंखला का यह पहला अंक अच्छा व उपयोगी लगा होगा. श्रंखला को अधिक अच्छा और उपयोगी बनाने के लिए कामेंट्स में आप भी अपने सुझाव दे सकते हैं, नए विषयों के बारे में लिख सकते हैं तथा आहार-विहार के अन्य उपयोगी टिप्स दे सकते हैं.
अगले अंक का विषय होगा- बात हिंदी भाषा की. आप लोग हिंदी भाषा के बारे में अपनी कठिनाइयां और प्रतिक्रिया कामेंट्स में या मेल द्वारा भेज दीजिए-
[email protected]

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “रोड शो-1: बात सेहत की

  • लीला तिवानी

    कई बार हम बुखार या सिरदर्द या एक सामान्य इंफेक्शन होने पर खुद ही दवाई ले लेते हैं और डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी नहीं समझते। कई बार ऐसा भी होता है कि अगर हमारे पास डॉक्टर का दिया दवाई का पुराना पर्चा होता है तो उसी से दवाई लेकर खाते रहते हैं। लेकिन असल में यह बेहद खतरनाक है। इसकी वजह से ऐंटीमाइक्रोबियल रेजिस्‍टेंस यानी एएमआर की स्थित विकराल रूप ले रही है। यह एक तरह का मेडिकल संकट है, इससे बचना बेहतर है.

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