कविता

माँ

माँ जीवन की हर खुशी,
माँ जीवन का गीत।
माँ है तो सब कुछ सुखद,
माँ है तो संगीत।।

माँ है मीठी भावना,
माँ पावन अहसास।
माँ से ही विश्वास है,
माँ से ही है आस।।

वसुधा-सी करुणामयी,
माँ दृढ़ ज्यों आकाश।
माँ शुभ का करती सृजन,
करे अमंगल नाश।।

मां देवों की देव है,
है सचमुच वरदान।
मां बच्चे की शान है,
है घर की पहचान।।
मां है तो कल्याण है,
शुभ होता हर काज ।
मां से ही रोशन रहे,
नित ही सकल समाज।।
माँ बिन रोता आज है,
होकर ‘शरद’अनाथ।
सिर पर से जो उठ गया,
आशीषों का हाथ।।
 — प्रो शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल[email protected]