कविता- अभी मौत बाकी है
चौथा स्तंम्भ से हूं
विश्वास रखो
अभी बहुत ईमानदारी
भरा है,
जो हर पल सच लिखने
की चाहत करता है,
मगर दुख की बात है
कलम को तोड़ कर
फेक दिया जाता है,
हर पल सच जलील
किया जाता है
कुछ जिदां जला दिये
जाते है,
कुछ खरीद लिये
जाते है
आप विश्वास रखो
मैं सच लिखने जा रहा हूं
क्योकि अभी मौत बाकी है।
— अभिषेक राज शर्मा